नई दिल्ली / आवाज-द वॉयस
इफ्तार पार्टी को दुनिया की सबसे ‘सेक्युलर पार्टी’ माना जाता है, जिसका उदाहरण बुधवार को राजधानी के अशोका रोड पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नए-पुराने दीयों से जगमगाता गंगा-जमुनी सभ्यता और सांप्रदायिक सद्भाव के इस जमावड़े में दिखा, जहां इफ्तार का जश्न मनाया गया. देश की जानी-मानी हस्तियों ने इसमें शिरकत की और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की यादों से देश की खूबसूरती का बखान किया. दरअसल इस इफ्तार पार्टी का आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड बॉयज एसोसिएशन ने किया था. इफ्तार पार्टी में पूर्व न्यायमूर्ति मार्कंडे काटजू, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एसएम खान और राजनेता अबू आजमी सहित प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया.
यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है, जो विभिन्न व्यक्तित्वों को एक छत के नीचे मिलने का अवसर देता है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मुदस्सर हयात ने यादों और शब्दों के साथ देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की सभाएं गंगा-जमुनी संस्कृति को बढ़ावा देती हैं और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखती हैं. इस इफ्तार पार्टी का मकसद यह भी है कि हम खुशनुमा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. देश में एकता होनी चाहिए. आइए हम सब मिलकर देश के विकास के लिए प्रार्थना करें.
दूरदर्शन उर्दू के विनोद कुमार ने कहा कि यह मेरे लिए एक नया अनुभव रहा है, बहुत अच्छा लगा. मैं पहले कभी इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं हुआ था, लेकिन जब मुझे पता चला कि यह कार्यक्रम हर साल होता है और इसका मकसद एकता को बढ़ावा देना है तो मैं आया. इसी तरह एक अन्य अतिथि और पत्रकार अर्चना ने कहा कि मैं पहली बार आई हूं, लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा. यह एकता का संदेश दे रहा है, ऐसे आयोजनों में हम सभी को आना चाहिए.
एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता एच. अख्तर ने कहा कि मैंने हमेशा ऐसे कार्यक्रम देखे हैं और उनमें भाग लिया है. ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन इस इफ्तार पार्टी का आयोजन करता है, जिसमें सभी धर्मों के अनुयायी खुशी बांटते हुए शामिल होते हैं.
महाराष्ट्र के जाने-माने राजनेता और व्यवसायी अबू आजमी ने कहा कि ऐसी सभाएं बहुत आकर्षक होती हैं, जहां सभी धर्मों के लोग आनंदित होते हैं. मैं चाहता हूं कि मुसलमान अपने भाइयों और बहनों को अपने आयोजनों और ऐसी सभाओं में आमंत्रित करें और गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखें.
अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों में प्रो. अख्तरुल वासे, एहतेशाम उर रहीम खान, आसिफ हबीब, इरशाद अहमद, फसीहुल्लाह खान, सैयद तौकीर आलम, सीए फैसल फरीदी, सलाहुद्दीन सिद्दीकी, हुसैन वहीद, डॉ. नूर मुहम्मद, गुलनार मिर्जा, प्रो. नीलोफर अफजल, श्रीमती नाज, एम. वली सआदत मसूद,तारिक नवाब, अबू जर खान, अबरार अहमद सेवानिवृत्त आईआरएस, फहाद अहमद और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लगभग पंद्रह सौ नामचीन लोग उपस्थित थे.