शबे-क़द्र में इबादत कैसे करें

Story by  फिरदौस खान | Published by  [email protected] | Date 21-03-2025
How to pray on Shab-e-Qadr
How to pray on Shab-e-Qadr

 

-फ़िरदौस ख़ान

रमज़ान इबादत का महीना है. अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि रमज़ान बहुत ही बरकत और फ़ज़ीलत वाला महीना है, और सब्र व शुक्र और इबादत का महीना है. और इस मुबारक महीने की इबादत का सवाब सत्तर गुना अता होता है. जो कोई अपने परवरदिगार की इबादत करके ख़ुशनूदी हासिल करेगा, उसकी बहुत बड़ी जज़ा अल्लाह तआला अता फ़रमाएगा.

पहली शबे-क़द्र 

हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि जो कोई ये चाहता है कि उसकी क़ब्र नूर से मुनव्वर हो, तो वह रमज़ान की शबे-क़द्रों में कसरत से अल्लाह की इबादत करे, ताकि इन मुबारक रातों की इबादत से अल्लाह तआला उसके आमालनामे से बुराइयां मिटाकर उसे नेकियों का सवाब अता फ़रमाए.

शबे-क़द्र की इबादत सत्तर हज़ार रातों की इबादत से अफ़ज़ल है. रमज़ान की इक्कीसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरत फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास एक-एक बार पढ़ें. सलाम के बाद 70 मर्तबा दरूद पाक पढ़ें.

इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले के हक़ में फ़रिश्ते मग़फ़िरत की दुआ करेंगे.इक्कीसवीं शब को दो रकअत नमाज़ पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास तीन-तीन बार पढ़ें. सलाम के बाद 70मर्तबा अस्तग़फ़ार पढ़ें. इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले की बख़्शीश कर दी जाएगी. 

दूसरी शबे-क़द्र 

रमज़ान की तेईसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास तीन-तीन बार पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले की मग़फ़िरत कर दी जाएगी. 

तेईसवीं शब को आठ रकअत नमाज़ चार सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास एक-एक बार पढ़ें. सलाम के बाद 70मर्तबा तीसरा कलमा तमजीद पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले के गुनाह बख़्श दिए जाएंगे और उसकी मग़फ़िरत कर दी जाएगी. 

तीसरी शबे-क़द्र

रमज़ान की पच्चीसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास पांच-पांच बार पढ़ें. सलाम के बाद पहला कलमा तय्यब 100 मर्तबा पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले को बेशुमार इबादतों का सवाब अता किया जाएगा. 

पच्चीसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र तीन-तीन बार, सूरह इख़लास तीन-तीन बार पढ़ें. सलाम के बाद 70मर्तबा अस्तग़फ़ार पढ़ें.

ये नमाज़ गुनाहों की बख़्शीश के लिए बहुत अफ़ज़ल है.पच्चीसवीं शब को दो रकअत नमाज़ पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास 15-15बार पढ़ें. सलाम के बाद 70मर्तबा दूसरा कलमा शहादत पढ़ें.ये नमाज़ क़ब्र के अज़ाब से निजात के लिए बहुत अफ़ज़ल है.

चौथी शबे-क़द्र

रमज़ान की सत्ताईसवीं शब को 12रकअत नमाज़ छह सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास 15-15बार पढ़ें. सलाम के बाद 70मर्तबा अस्तग़फ़ार पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले को नबियों की इबादत का सवाब अता किया जाएगा.  

सत्ताईसवीं शब को दो रकअत नमाज़ पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र तीन-तीन बार, सूरह इख़लास 27-27बार पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले के अगले पिछले सब गुनाह मुआफ़ कर दिए जाएंगे.

सत्ताईसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह तकासुर एक-एक बार, सूरह इख़लास तीन-तीन बार पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले पर मौत की सख़्ती आसान होगी और उसकी क़ब्र का अज़ाब मुआफ़ कर दिया जाएगा.

सत्ताईसवीं शब को दो रकअत नमाज़ पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह इख़लास सात-सात बार पढ़ें. सलाम के बाद 70मर्तबा ये तस्बीह पढ़ें-

أَسْتَغْفِرُ اللَّهَ الَّذِي لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَىُّ الْقَيُّومُ وَأَتُوبُ إِلَيْهِ

इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले और उसके वालिदैन के गुनाह मुआफ़ करके उनकी मग़फ़िरत कर दी जाएगी.सत्ताईसवीं शब को दो रकअत नमाज़ पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह अलम नशरा एक-एक बार, सूरह इख़लास तीन-तीन बार पढ़ें. सलाम के बाद सूरह क़द्र 27मर्तबा पढ़ें.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले को बेशुमार सवाब अता किया जाएगा. 

     सत्ताईसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र तीन-तीन बार, सूरह इख़लास 50-50बार पढ़ें. सलाम के बाद सजदे में सिर रखकर 70मर्तबा ये कलाम पढ़ें-

سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَرُ 

इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले की दुनियावी और दीनी चाहतें पूरी होंगी.

पांचवीं शबे-क़द्र

रमज़ान की उनतीसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास तीन-तीन बार पढ़ें. सलाम के बाद सूरह अलम नशरा 70मर्तबा पढ़ें. ये नमाज़ कामिल ईमान के लिए बहुत अफ़ज़ल है.

उनतीसवीं शब को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़ें. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह क़द्र एक-एक बार, सूरह इख़लास पांच-पांच बार पढ़ें. सलाम के बाद दरूद पाक 100मर्तबा पढ़े.इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले की मग़फ़िरत कर दी जाएगी. 

इन नमाज़ों के अलावा अपनी मर्ज़ी और सहूलियत के हिसाब से इबादत की जा सकती है. क़ुरआन करीम की तिलावत की जा सकती है, नफ़िल नमाज़ पढ़ी जा सकती है, तस्बीह पढ़ी जा सकती है. कसरत से दरूद पाक पढ़ना भी बहुत ही अफ़ज़ल है. क़ाबिले- ग़ौर है कि दरूद पाक एक ऐसी इबादत है, जिसकी क़ुबूलियत में कोई शक व शुबहा नहीं है. दरूद शरीफ़ की फ़ज़ीलत बयान से बाहर है.

(लेखिका आलिमा हैं. उन्होंने फ़हम अल क़ुरआन लिखा है)