वाराणसी. देशभर में रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया. वाराणसी के मंदिरों, मठों और आश्रमों में शिष्यों ने अपने गुरुओं की पूजा की. इसी बीच, पातालपुरी से एक अनोखी तस्वीर सामने आई है, जहां मुस्लिम शिष्यों ने महंत बालक दास की आरती उतारी और आशीर्वाद लिया.
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर, दर्जनों मुस्लिम शिष्यों ने पातालपुरी के महंत बालक दास के चरणों में मत्था टेका, तिलक लगाया और आरती उतारी. इस दौरान शिष्यों ने कहा कि गुरु किसी जाति और धर्म का नहीं होता. धर्म और जाति से परे भारत की संस्कृति और सभ्यता को कायम रखना चाहिए.
महंत बालक दास ने कहा कि गुरु के शरण में केवल शिष्य आता है, यहाँ धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. सभी लोग गुरु के चरणों में नतमस्तक होते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
शिष्य मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा, "एक कहावत है, 'गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय. बलिहारी गुरु अपने गोविंद दियो बताय'. गुरु से ही ज्ञान प्राप्त होता है. गुरु किसी जाति, धर्म, मजहब से परे होता है."
शिष्य अफरोज खान ने कहा, "गुरु पूर्णिमा का पर्व किसी मजहब से ताल्लुक नहीं रखता. देश में हमेशा भाईचारा बना रहे, इसके लिए हम सभी को संदेश देते हैं कि गुरु की पूजा करें. हम लोग देश को जोड़ने का काम करते हैं, बांटने का नहीं."