दरगाह अजमेर शरीफ में गौतम अदाणी और उनके परिवार का स्वागत, वैश्विक शांति पुरस्कार से किया सम्मानित

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-02-2025
Gautam Adani and his family welcomed at Ajmer Sharif Dargah, honoured with Global Peace Award
Gautam Adani and his family welcomed at Ajmer Sharif Dargah, honoured with Global Peace Award

 

आवाज द वाॅयस/अजमेर शरीफ 

भारत की प्रसिद्ध सूफी दरगाह हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (आर.ए.) में  गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी, श्रीमती प्रीति अदाणी, राजेश अदाणी और  शिलिन अदाणी का स्वागत किया.अदाणी परिवार ने दरगाह पर चादर पेश कर अपने परिवार, भारत की प्रगति और वैश्विक शांति के लिए दुआ मांगी.

 यह यात्रा सर्वधर्म समभाव, आध्यात्मिकता, सेवा और भक्ति के मूल सिद्धांतों के प्रति उनके गहरे समर्पण को दर्शाती है, जिनका प्रचार हजरत ख्वाजा गरीब नवाज (आर.ए.) ने किया था.

इस विशेष अवसर पर, हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने गौतम अदाणी को उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, परोपकारी कार्यों और मानवीय सेवाओं में योगदान के लिए "वैश्विक शांति पुरस्कार" से सम्मानित किया.


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गौतम अदाणी का सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान

गौतम अदाणी के नेतृत्व में, अदाणी समूह ने भारत में राष्ट्र निर्माण, आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे के विस्तार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

सम्मान समारोह के दौरान, हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा:"हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (आर.ए.) का संदेश शांति, प्रेम और मानवता की सेवा का है.  गौतम अदाणी और उनके परिवार ने इन मूल्यों को अपनाया है. 

समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं. हम उनके उज्जवल भविष्य और उनकी सफलता की दुआ करते हैं, ताकि वे और अधिक लोगों की भलाई के लिए काम कर सकें."
 

गौतम अदाणी ने दरगाह अजमेर शरीफ पर अपनी श्रद्धा प्रकट की

गौतम अदाणी ने दरगाह शरीफ में प्राप्त आध्यात्मिक आशीर्वाद के प्रति गहरी कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि:"अजमेर शरीफ जैसी पवित्र जगह पर आकर हमें अपार शांति और सकारात्मकता का अनुभव हुआ. आध्यात्मिकता हमें सिखाती है कि कैसे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाया जाए."

विशेष लंगर सेवा और दुआ-ए-खैर

अदाणी परिवार ने दरगाह शरीफ में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए विशेष शुद्ध शाकाहारी लंगर सेवा का आयोजन किया. यह सेवा ख्वाजा गरीब नवाज (आर.ए.) की उस शिक्षाओं का प्रतीक है, जो सेवा, प्रेम और सभी के लिए समानता पर आधारित हैं.

इस पवित्र अवसर का समापन भारत की प्रगति, वैश्विक शांति और समावेशी विकास के लिए विशेष 'दुआ-ए-खैर' (कल्याण की प्रार्थना) के साथ हुआ.

दरगाह अजमेर शरीफ – आध्यात्मिकता और समरसता का प्रतीक

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (आर.ए.) की दरगाह भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित सूफी तीर्थस्थलों में से एक है. यह अनेक धर्मों, संप्रदायों और जातियों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन, प्रेम और आशीर्वाद प्रदान करता है.

हाजी सैयद सलमान चिश्ती, जो दरगाह के प्रमुख गद्दी नशीनों में से एक हैं, अंतरधार्मिक सद्भाव, मानवीय सेवा और आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित हैं. वे "सबके प्रति प्रेम, किसी से द्वेष नहीं" के सिद्धांत पर चलते हुए दुनिया भर में शांति, सहिष्णुता और एकता का संदेश फैलाते हैं.
 

 

 

अजमेर शरीफ में अदाणी परिवार की यह ऐतिहासिक यात्रा आध्यात्मिकता, सेवा, शांति और समरसता के संदेश को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर थी. इस पवित्र स्थान पर गौतम अदाणी को 'वैश्विक शांति पुरस्कार' से सम्मानित किया जाना उनके दूरदर्शी नेतृत्व, सामाजिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण में योगदान का प्रमाण है.

इस यात्रा ने यह भी दिखाया कि आध्यात्मिकता और नेतृत्व एक साथ मिलकर समाज को सकारात्मक दिशा में कैसे ले जा सकते हैं. दरगाह अजमेर शरीफ हमेशा की तरह प्रेम, शांति और समावेशिता का संदेश देने वाली आध्यात्मिक रोशनी बनी रहेगी.