-फ़िरदौस ख़ान
भारत के लिए खाड़ी देश बहुत अहमियत रखते हैं. ये ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश और भारतीयों को रोज़गार देने में सबसे आगे हैं. इन्हीं में से एक है संयुक्त अरब अमीरात. यह संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व व्यापार संगठन, अरब लीग, खाड़ी सहयोग परिषद और जी 20 का सदस्य है. भारत और संयुक्त अरब अमीरात का रिश्ता बहुत गहरा है.
दरअसल, यह रिश्ता सदियों पुराने सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित है, जिसे दोनों देशों की सभ्यतागत समानताओं ने सींचा है.दोनों देशों ने साल 1975में सांस्कृतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने साल 2009 में अबू धाबी में एक सांस्कृतिक केंद्र खोला था, लेकिन जून 2014 में इसे बंद कर दिया गया.
इसके बंद होने के बाद भी भारतीय दूतावास ने संयुक्त अरब अमीरात में स्थित भारतीय संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधयों को जारी रखा.संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था सऊदी अरब के बाद खाड़ी सहयोग परिषद की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
अमेरिका और चीन के बाद यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भारत से निर्यात के मामले में यह चीन के बाद दूसरे पायदान पर है. भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने 18 फ़रवरी 2022 को नई दिल्ली में व्यापारिक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
पिछली एक दहाई में भारत का यह पहला मुक्त व्यापार समझौता है. फ़रवरी 2022 में भारत पहला ऐसा देश बन गया, जिसके साथ संयुक्त अरब अमीरात ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों ही देशों के लिए यह समझौता बहुत ही फ़ायदेमंद रहा. पहली मई 2022को इस समझौते के लागू होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार में तक़रीबन 15फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ.
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख़ ज़ायद बिन सुल्तान अल नहयान और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुज़श्ता 15 जुलाई को अबू धाबी में मुलाक़ात कर दोनों देशों के रिश्तों को और मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया.
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यह पांचवीं यात्रा थी. बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था. इसके बाद वे फ़रवरी 2018, अगस्त 2019 और जून 2022 में वहां गए थे.
उन्होंने जून 2022 में संयुक्त अरब अमीरात का उस वक़्त दौरा किया था जब वे शेख़ ज़ायद बिन सुल्तान अल नहयान से मुलाकात करने के लिए अबू धाबी गए थे और उनके राष्ट्रपति बनने पर उन्हें मुबारकबाद दी थी.
अगस्त 2015 में नरेंद्र मोदी 34 बरसों में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे. इससे पहले मई 1981में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी.
साल 2016 में राष्ट्रपति शेख़ ज़ायद बिन सुल्तान अल नहयान ने भारत यात्रा की. इसके बाद वे साल 2017 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इसके अलावा साल 2017 में उन्होंने भारत यात्रा के दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात संबंध को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाते हुए इसे एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया.
अबू धाबी में दोनों देशों के केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों ने सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने भुगतान एवं संदेश प्रणाली को आपस में जोड़ने से संबंधित एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए. इसके अलावा अबू धाबी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली की स्थापना की योजना से संबंधित एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए.
दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों को और मज़बूत करने का संकल्प दोहराया. उन्होंने निवेश के द्विपक्षीय उच्चस्तरीय संयुक्त कार्यबल के प्रयासों की सराहना करते हुए स्वीकार किया कि संयुक्त अरब अमीरात साल 2022-2023 के दौरान भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक बन गया, जबकि वह 2021-2022 के दौरान भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक था.
गुज़श्ता जून में संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार मंत्री थानी बिन अहमद अल ज़यौदी की अगुआई में वहां के सरकारी अधिकारियों और कारोबारी समुदाय के प्रतिनिधियों ने भारत का दौरा किया था.
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक़ भारत और संयुक्त अरब अमीरात ग़ैर पेट्रोलियम उत्पादों के क्षेत्र में साल 2030तक 100 अरब डॉलर के व्यापार का लक्ष्य तय करने पर सहमत हुए हैं, जो फ़िलहाल 48अरब डॉलर का है.
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार में 16.5 फ़ीसद की बढ़ोतरी के साथ समझौते का अच्छा ख़ासा असर दिखने लगा है और यह साल 2022-23 के दौरान तक़रीबन 84.84 अरब डॉलर के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर तक पहुंच गया.
भारत से संयुक्त अरब अमीरात को होने वाले निर्यात में भी 12 फ़ीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह निर्यात साल 2022-2023 में 31.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. क़ाबिले ग़ौर है कि दोनों देशों के बीच साल 1970 की दहाई में सालाना 18 करोड़ डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता था.
संयुक्त अरब अमीरात की कहानी किसी परी कथा से कम नहीं है. पिछली पांच दहाइयों में यहां की काया ही पलट गई. पहले यहां कई अमीरात थे, जो ब्रिटिश हुकूमत के क़ब्ज़े में थे. उन्होंने 2 दिसम्बर 1971 को अंग्रेज़ों से आज़ादी हासिल की और फिर संयुक्त अरब अमीरात का गठन किया.
उस वक़्त इसमें छह अमीरात अबू धाबी, शारजाह, दुबई, उम्म अल क़ुवैन, अजमान और फ़ुजैरह थे. फिर 10 फ़रवरी 1972 को रस अल ख़ैमाह भी इसमें शामिल हो गया.अबू धाबी के अमीर और हुक्मरान शेख़ ज़ायद बिन सुल्तान अल नहयान संयुक्त अरब अमीरात के पहले राष्ट्रपति बने.
यहां तेल के प्रचुर भंडार हैं. उन्होंने यहां विकास कार्य शुरू करवाए. नतीजा यह हुआ कि आज यह दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया है. यहां दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज ख़लीफ़ा है. यहां के शानदार होटल, शॉपिंग सेंटर और द्वीप समूह पाम जेबेल अली आदि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित कृत्रिम द्वीप समूह है. यहां की राजधानी अबू धाबी का मसदर दुनिया का पहला शून्य कार्बन, शून्य अपशिष्ट और कार मुक्त शहर है. इसलिए यहां की फ़िज़ा बहुत अच्छी है.
यह इस्लामिक देश है. यहां सबसे ज़्यादा आबादी मुसलमानों की है. यहां ईसाई, यहूदी और हिन्दू भी रहते हैं. यहां रहने वालों में 27.8फ़ीसद आप्रवासी भारतीय हैं. एक अंदाज़ के मुताबिक़ वे हर साल तक़रीबन 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर स्वदेश भेजते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात की संस्कृति विविध है. यहां की कला, संस्कृति, संगीत, साहित्य, रहन सहन और खानपान आदि पर फ़ारसी और अरबी तहज़ीब का असर है. यहां की आधिकारिक भाषा अरबी है. इसके अलावा अंग्रेज़ी, उर्दू, हिन्दी और बांग्ला आदि भाषाएं भी यहां बोली जाती हैं.
यहां का परुषों का पारम्परिक पहनावा कन्दुरा और महिलाओं का पहनावा अबाया है. खाने में गोश्त से बने व्यजंन ज़्यादा पसंद किए जाते हैं. खेलों में फ़ुटबॉल लोकप्रिय है. अन्य खेलों में क्रिकेट, टेनिस, कार रेसिंग और एंडुरेंस राइडिंग आदि शामिल हैं.
साल 2021में संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी पहली सर्व महिला ऊंट रेसिंग टीम भी बनाई थी. दुबई में हॉलीवुड और बॉलीवुड फ़िल्में ख़ूब देखी जाती हैं.बहरहाल, दोनों देशों में वक़्त के साथ रिश्ते और गहरे हो रहे हैं. नई दिल्ली में होने वाले जी 20के शिखर सम्मलेन से इन्हें और मज़बूती मिलेगी, ऐसी उम्मीद की जा सकती है.
(लेखिका शायरा, कहानीकार व पत्रकार हैं)