महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम में उमड़े विदेशी श्रद्धालु

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-01-2025
Foreign devotees gathered at Triveni Sangam for Amrit Snan before Maha Kumbh
Foreign devotees gathered at Triveni Sangam for Amrit Snan before Maha Kumbh

 

आवाज द वाॅयस /प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) 

महाकुंभ के शुरू होने के साथ ही, मंगलवार को मकर संक्रांति के अवसर पर पहले अमृत स्नान (पवित्र डुबकी) में भाग लेने के लिए भारत और दुनिया भर से श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में उमड़ पड़े.भारतीय और विदेशी दोनों ही तरह के श्रद्धालुओं ने पवित्र परंपरा में खुद को डुबोया और दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में अपना योगदान दिया.

त्रिवेणी संगम के आसपास का माहौल भक्ति से भर गया क्योंकि विदेशी तीर्थयात्री मेले की आध्यात्मिक ऊर्जा में शामिल हुए.दुनिया के विभिन्न हिस्सों से विदेशी श्रद्धालु भजन गाने के लिए एकत्र हुए और भक्तिमय माहौल में घुलमिल गए. उन्होंने 'ओम जय जगदीश हरे' और 'महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम' गाकर समागम के पवित्र मंत्रों में अपनी आवाज मिलाई.

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उपस्थित लोगों में इटली के मिलान से आई एक श्रद्धालु ने भारत और कुंभ मेले से अपने जुड़ाव के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "मैं भारत आकर बहुत खुश हूं, क्योंकि मुझे भारत से प्यार है. यह मेरी छठी यात्रा है और मैं कुंभ मेले का हिस्सा बनकर रोमांचित हूं."

नेपाल की एक अन्य श्रद्धालु ने अपने पहले अमृत स्नान में भाग लेते हुए अपनी खुशी व्यक्त की. जर्मनी से आई एक श्रद्धालु थॉमस ने कहा, "मुझे लगता है कि यह (महाकुंभ) बहुत अच्छी तरह से आयोजित किया गया है. यह बहुत बड़ा है और लोग बहुत मिलनसार हैं.

मैं आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करना चाहता था और भारतीय लोगों से मिलना चाहता था..." इस बीच, महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने भी अमृत स्नान के लिए अपना जुलूस शुरू किया.  पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा सबसे पहले अमृत स्नान करेंगे.

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महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है, जो हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है. महाकुंभ-2025, जो पूर्ण कुंभ है, 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा. प्रमुख 'स्नान' तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति - पहला शाही स्नान), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या - दूसरा शाही स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी - तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा), और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं.

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