Eminent historian M.G.S. Narayanan passes away
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रख्यात इतिहासकार, शिक्षाविद और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) के पूर्व अध्यक्ष एम. जी. एस. नारायणन का शनिवार को कोझिकोड के पास मालापरम्बा में स्थित आवास पर आयु संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
वह 93 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी, बेटा और बेटी हैं. भारत के सबसे प्रतिष्ठित इतिहासकारों में से एक नारायणन 1976 से 1990 तक कालीकट विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रमुख और 2001 से 2003 तक आईसीएचआर के अध्यक्ष रहे. भारतीय इतिहास लेखन के क्षेत्र में गहरी छाप छोड़ने वाले नारायणन अपनी पीएचडी थीसिस ‘पेरुमल्स ऑफ केरला’ के लिए प्रसिद्ध थे, जिसमें 9वीं से 12वीं शताब्दी तक केरल के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास का उल्लेख किया गया है. उन्होंने भारत और विदेश में कई विश्वविद्यालयों में ‘विजिटिंग प्रोफेसर’ के रूप में भी काम किया.
नारायणन ने केरल के इतिहास, तमिलकम के इतिहास, प्राचीन भारतीय इतिहास और इतिहास लेखन की पद्धति पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने एक हजार से अधिक छात्रों को परामर्श दिया और कई स्नातकोत्तर शोध परियोजनाओं की देखरेख की. मलयाली और अंग्रेजी में उनके 200 से अधिक लेख प्रकाशित हुए.उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज’ में ‘कॉमनवेल्थ एकेडमिक स्टाफ फेलो’ और मॉस्को विश्वविद्यालय तथा लेनिनग्राद में ओरिएंटल स्टडीज संस्थान में ‘विजिटिंग फेलो’ के रूप में भी काम किया था.