राकेश चौरासिया
रमजान महीने में रोजेदार बड़े अकीदे से अल्लाह की बंदगी में रोजा रखते हैं. इसमें एक बड़ी भ्रांति है कि थूक गटकने से रोजा टूट जाता है? रमजान के दौरान कई मुस्लिम भाईयों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या थूक पीने से रोजा टूट जाता है?
इसका जवाब हैः नहीं, थूक पीने से रोजा नहीं टूटता.
इस्लामी विद्वानों का मानना है कि थूक शरीर का एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो मुंह और गले को साफ रखने में मदद करता है. जब तक थूक में कोई बाहरी पदार्थ (जैसे भोजन या धूल) न हो, तब तक इसे निगलना रोजे को नहीं तोड़ता.
थूक से कब रोजा टूटता है
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यदि थूक में रक्त या मवाद जैसी अशुद्धियां हों, तो इसे निगलने से रोजा टूट सकता है.
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यदि थूक में भोजन या पेय के कण हों, तो उन्हें बाहर निकालना चाहिए और उन्हें निगलना नहीं चाहिए.
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यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर थूक को बाहर निकालता है और फिर उसे निगलता है, तो इससे भी रोजा टूट सकता है.
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यह सलाह दी जाती है कि यदि आपको थूक पीने के बारे में कोई संदेह हो, तो आप किसी धार्मिक विद्वान से सलाह लें.
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यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई हैः
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कुछ लोग मानते हैं कि थूक निगलने से रोजा का सवाब कम हो जाता है.
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लेकिन इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई हदीस या धार्मिक आधार नहीं है.
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रमजान के दौरान स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है, इसलिए नियमित रूप से मुंह धोना और कुल्ला करना महत्वपूर्ण है.
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यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रोजा केवल खाने और पीने से ही नहीं टूटता है. झूठ बोलने, गंदी बातें करने, दूसरों को परेशान करने और कुरान करीम जिन बातों के लिए मना करती है, वैसा करने से भी रोजा खंडित हो सकता है.
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इसलिए, रमजान के दौरान हमें न केवल अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि अपनी आत्मा को भी शुद्ध रखने का प्रयास करना चाहिए.