छत्तीसगढ़: 77 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा संपन्न

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 20-10-2024
Chhattisgarh: 77-day long Bastar Dussehra concluded
Chhattisgarh: 77-day long Bastar Dussehra concluded

 

बस्तर (छत्तीसगढ़)
 
77 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा उत्सव रविवार को संपन्न हो गया. यह परंपरा पिछले 800 वर्षों से चली आ रही है और इसे दुनिया के सबसे लंबे त्योहारों में से एक माना जाता है.बस्तर के 24वें और वर्तमान शासक कमल चंद्र भंज देव ने कहा, "आज 77 दिनों तक चलने वाला दशहरा उत्सव समाप्त हो रहा है.

इस उत्सव के समापन को चिह्नित करने के लिए देवी माँ अपने घर वापस आएंगी. हम उन्हें एक बेटी की तरह विदा करेंगे. हम देवी माँ से प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हम पर, राज्य और देश पर बना रहे. बस्तर प्रशासन द्वारा आयोजित सरस मेले का उद्घाटन 12 अक्टूबर को जगदलपुर में किया गया.

बस्तर दशहरा की शुरुआत 'पाटजात्रा' अनुष्ठान के बाद होती है, जिसके अनुसार साल के पेड़ की लकड़ी की पूजा की जाती है. रावण के वध से जुड़ी कोई परंपरा नहीं है, लेकिन आदिवासी बहुल जिले में इसे देवी शक्ति की पूजा के उत्सव के रूप में मनाया जाता है.

बस्तर के संभाग मुख्यालय जगदलपुर में इस उत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी और अन्य लोग शामिल होते हैं. समिति के सदस्यों ने आगे बताया कि परंपरा के अनुसार, जिस लकड़ी की लकड़ी की पूजा की जा रही है,

उसका उपयोग एक विशाल रथ बनाने के लिए किया जाएगा. इस लकड़ी के रथ पर देवी दंतेश्वरी (बस्तर की देवी) की छत्रछाया को शहर भर में घुमाया जाएगा. 800 साल पुरानी इस परंपरा की शुरुआत यहां के राजपरिवार ने की थी. महामारी के समय में यह उत्सव भव्य रूप से नहीं मनाया गया, लेकिन अन्यथा अधिकांश वर्षों में इसमें भारी भीड़ देखी जाती है.