पिछले 5 वर्षों से कपड़ा क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या लगातार बढ़ रही : केंद्रीय मंत्री

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-03-2025
The number of startups in the textile sector has been increasing steadily for the last 5 years: Union Minister
The number of startups in the textile sector has been increasing steadily for the last 5 years: Union Minister

 

नई दिल्ली. केंद्र के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा हर साल कपड़ा क्षेत्र में स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त नई संस्थाओं की संख्या पिछले पांच वर्षों से लगातार बढ़ रही है.

स्टार्टअप की यह संख्या 2020 में 204 से बढ़कर 2023 में 703 और 2024 में 765 हो गई है. यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में पेश की गई.

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने निचले सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत सरकार तीन प्रमुख योजनाओं, स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) को लागू कर रही है. इन योजनाओं का उद्देश्य अलग-अलग कैटेगरी और सेक्टर के स्टार्टअप को उनके बिजनेस साइकल के अलग-अलग स्टेज में सपोर्ट करना है.

वेंचर कैपिटल निवेश को कैटालाइज करने के लिए 2016 में एफएफएस को मंजूरी दी गई और स्थापित किया गया और इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) द्वारा किया जाता है, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी रजिस्टर्ड अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड (एआईएफ) को पूंजी प्रदान करता है, जो बदले में स्टार्टअप में निवेश करते हैं.

एफएफएस के तहत समर्थित एआईएफ को स्टार्टअप में एफएफएस के तहत प्रतिबद्ध राशि का कम से कम दो गुना निवेश करना आवश्यक है.

एसआईएसएफएस इनक्यूबेटरों के माध्यम से सीड स्टेज स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जबकि सीजीएसएस एलिजिबल वित्तीय संस्थानों के माध्यम से स्टार्टअप को कोलेटरल फ्री लोन उपलब्ध करवाता है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीजीएसएस का संचालन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) लिमिटेड द्वारा किया जाता है और इसे 1 अप्रैल, 2023 से चालू किया गया है.

सरकार पीएम-मित्र जैसी विभिन्न योजनाओं को भी लागू कर रही है, जिसका उद्देश्य एक मॉडर्न, इंटीग्रेटेड लार्ज स्केल, वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम बनाना है, जो निवेश आकर्षित करने और रोजगार को बढ़ावा देने में मदद करेगा.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई), राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) कपड़ा क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए दो अन्य योजनाएं हैं.

डेवलपमेंट कमिशनर (हैंडीक्राफ्ट्स) का कार्यालय देश भर में हस्तशिल्प क्षेत्र के डेवलपमेंट और प्रमोशन के लिए नेशनल हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एनएचडीपी) और कॉम्प्रिहेंसिव हैंडीक्राफ्ट्स क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम (सीएचसीडीएस) को भी लागू करता है.