शेयर बाजार हुआ धड़ाम, सेंसेक्स 1,235 अंक गिरा, निवेशकों के डूबे 7 लाख करोड़ रुपये

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 21-01-2025
Stock market crashed, Sensex fell 1,235 points, investors lost Rs 7 lakh crore
Stock market crashed, Sensex fell 1,235 points, investors lost Rs 7 lakh crore

 

मुंबई
 
भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी नुकसान वाला रहा. बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 1,235 अंक या 1.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,838 पर और निफ्टी 320 अंक या 1.37 प्रतिशत की गिरकर 23,024 पर बंद हुआ.  
 
जून 2024 के बाद यह पहला मौका है, जब निफ्टी 23,000 के स्तरों के करीब बंद हुआ है. गिरावट के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियां का मार्केटकैप करीब 7 लाख करोड़ रुपये गिरकर 424 लाख करोड़ रह गया है, जो कि सोमवार को 431 लाख करोड़ था.
 
बाजार के गिरने की वजह अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ट्रेड टैरिफ लगाए जाने की संभावना को भी माना जा रहा है. जानकारों का कहना है कि ट्रंप 2.0 में आर्थिक निर्णयों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. हालांकि, कनाडा और मैक्सिको पर संभावित 25 प्रतिशत टैरिफ के संकेत से पता चलता है कि टैरिफ वृद्धि नीति को धीरे-धीरे लागू किया जाएगा.
 
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बड़ी बिकवाली देखी गई. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,271 अंक या 2.31 प्रतिशत गिरकर 53,834 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 408 अंक या 2.28 प्रतिशत गिरकर 17,456 पर बंद हुआ.
 
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सभी सूचकांक लाल निशान में बंद हुए हैं. गिरावट का सबसे ज्यादा असर ऑटो, आईटी, पीएसयू, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी, मीडिया और इन्फ्रा इंडेक्स देखा गया. व्यापक बाजार का रुझान भी नकारात्मक था.
 
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,202 शेयर हरे निशान में, 2,774 शेयर लाल निशान में और 112 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए.
 
सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयर लाल निशान में बंद हुए. जोमैटो, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे. केवल अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक ही हरे निशान में बंद हुए थे.
 
पीएल कैपिटल- प्रभुदास लीलाधर में मुख्य एडवाइजर विक्रम कासत का कहना है कि बाजार का सेंटीमेंट खराब होने की वजह तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे होना है. वहीं, 20 जनवरी तक विदेशी संस्थागत निवेशक द्वारा 48,023 करोड़ रुपये की बिकवाली से भी बाजार पर दबाव बढ़ा रहै. आगे कहा कि ट्रंप द्वारा आसपास के देशों पर ट्रेड टैरिफ लागने के ऐलान से भी बाजार की चिंताएं बढ़ी है.