राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी, खड़गे ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 10-10-2024
President Murmu, PM Modi, Kharge condole the death of Ratan Tata
President Murmu, PM Modi, Kharge condole the death of Ratan Tata

 


नई दिल्ली

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सभी बड़े राजनेताओं ने दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के मानद अध्यक्ष रतन टाटा के निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए दुख प्रकट किया है. 

राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर लिखा, "श्री रतन टाटा के दुखद निधन से, भारत ने एक ऐसे प्रतीक को खो दिया है जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कॉर्पोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया. पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, उन्होंने महान टाटा विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति प्रदान की.

उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया. परोपकार और परोपकार में उनका योगदान अमूल्य है। मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं."

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मुझे श्री रतन टाटा जी के साथ अनगिनत बातचीत याद आ रहे हैं. जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो मैं उनसे अक्सर मिलता था. हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे.

मुझे उनका दृष्टिकोण बहुत समृद्ध लगा. जब मैं दिल्ली आया तो यह बातचीत जारी रही. उनके निधन से बेहद दुख हुआ. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं."भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने लिखा, "भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज और परोपकार के प्रतीक श्री रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुख हुआ.

उद्योग और समाज में उनके उल्लेखनीय योगदान ने हमारे देश और दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह सिर्फ एक बिजनेस आइकन नहीं बल्कि विनम्रता, अखंडता और करुणा के प्रतीक थे."

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, "प्रसिद्ध उद्योगपति और सच्चे राष्ट्रवादी श्री रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुख हुआ. उन्होंने निःस्वार्थ भाव से अपना जीवन हमारे राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित कर दिया. जब भी मैं उनसे मिला, भारत और उसके लोगों की भलाई के प्रति उनके उत्साह और प्रतिबद्धता ने मुझे आश्चर्यचकित किया.

हमारे देश और इसके लोगों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण लाखों सपने साकार हुए. समय रतन टाटा जी को उनके प्यारे देश से दूर नहीं कर सकता. वह हमारे दिलों में जीवित रहेंगे."कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, "श्री रतन नवल टाटा के निधन से हमने भारत का एक अमूल्य पुत्र खो दिया है.

एक उत्कृष्ट परोपकारी व्यक्ति जिनकी भारत के समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता सर्वोपरि रही. श्री टाटा स्पष्ट निष्ठा और नैतिक नेतृत्व के पर्याय थे। वह लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा और प्रतीक थे और उन्होंने राष्ट्र निर्माण में भरपूर योगदान दिया."

कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, "रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे. उन्होंने व्यापार और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है."केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी एक्स पर लिखा, "एक युग का अंत! श्री रतन टाटा ने नेतृत्व में एक नया प्रतिमान स्थापित किया जिसने अखंडता और करुणा के मूल्यों का समर्थन किया.

वास्तव में, उन्होंने व्यवसाय की दुनिया और समग्र समाज में एक अमिट छाप छोड़ी है। आपको जानना सम्मान की बात थी."केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा, "एक सच्चे राष्ट्रवादी और दूरदर्शी उद्योगपति रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुख हुआ.

उन्होंने टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और अपनी असाधारण उपलब्धियों के माध्यम से भारत को बहुत गौरव दिलाया. उनके मजबूत और मानवीय नेतृत्व ने टाटा समूह को उल्लेखनीय सफलता हासिल की, जिससे इसके वैश्विक विस्तार में मदद मिली और विश्व मंच पर हमारे देश की उपस्थिति काफी मजबूत हुई."

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, "आज मां भारती ने रतन टाटा जी के रूप में अपना एक महान सपूत खो दिया है. इस दुखद समाचार से हृदय द्रवित है, मन उदास है. रतन जी देश के 'रत्न' थे. उन्होंने भारतीय उद्योग जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. वह देश के विकास के लिए सदैव समर्पित रहे और समाज में बेहतर बदलाव के लिए कई अभूतपूर्व कार्य किए."

महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने अपने भाव व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा, "मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं. भारत की अर्थव्यवस्था एक ऐतिहासिक छलांग के शिखर पर खड़ी है. हमारे इस मुकाम पर बने रहने में रतन के जीवन और काम का बहुत बड़ा योगदान है.

इसलिए, इस समय उनका सलाह और मार्गदर्शन अमूल्य होता. उनके चले जाने के बाद, हम बस इतना ही कर सकते हैं कि हम उनके उदाहरण का अनुकरण करने के लिए प्रतिबद्ध हों. वह एक ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए धन और सफलता तब सबसे उपयोगी थी जब इसे वैश्विक समुदाय की सेवा में लगाया जाये."