नई दिल्ली
देश की बड़ी वित्तीय सर्विसेज कंपनी पेटीएम ने सोमवार को वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए. कंपनी की परिचालन से आय तिमाही आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 1,828 करोड़ रुपये हो गई है.
कंपनी के मजबूत प्रदर्शन की वजह ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) बढ़ना, सब्सक्रिप्शन आय में मजबूत वृद्धि और फाइनेंसियल सर्विसेज के वितरण से अधिक आय होना है.
वित्त वर्ष 25 की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 222 करोड़ रुपये से कम होकर 208 करोड़ रुपये रह गया है. इस दौरान कंपनी का कैश रिजर्व 2,851 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,850 करोड़ रुपये हो गया है.
कंपनी ने कहा कि एबिटा में 181 करोड़ रुपये का सुधार हुआ है और यह फिलहाल -223 करोड़ रुपये पर है. कंपनी का कॉन्ट्रीब्यूशन मार्जिन (यूपीआई इंसेंटिव) 52 प्रतिशत पर रहा है, जिससे कॉन्ट्रीब्यूशन मुनाफा बढ़कर 959 करोड़ रुपये हो गया है. इसमें तिमाही आधार पर 7 प्रतिशत की बढ़त हुई है.
कंपनी ने आगे कहा, "कर्मचारी खर्च वित्त वर्ष 25 के पहले नौ महीनों में 451 करोड़ रुपये कम हुआ है. यह कंपनी के 400 करोड़ रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये के बचत के लक्ष्य को पार कर गया है."
कंपनी की पेमेंट सर्विसेज से होने वाली आय बढ़कर 1,059 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि फाइनेंशियल सर्विसेज से होने वाली आय तिमाही दर तिमाही आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 502 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
कंपनी का जीएमवी तिमाही दर तिमाही आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये हो गया.
पेटीएम के पेमेंट डिवाइस के लिए मर्चेंट सब्सक्राइबर बेस बढ़कर 1.17 करोड़ हो गया, जिसमें तिमाही के दौरान 5 लाख नए ग्राहक जुड़े. अधिक सब्सक्रिप्शन आय और स्थिर पेमेंट प्रोसेसिंग मार्जिन की मदद से नेट पेमेंट मार्जिन 489 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.