नई दिल्ली. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को घोषणा की कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे स्मार्टफोन के प्रकार के आधार पर कथित रूप से अलग-अलग मूल्य निर्धारण को लेकर प्रमुख कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर को नोटिस जारी किया है.
सोशल मीडिया पर मंत्री ने कहा, ‘‘अलग-अलग मॉडल के मोबाइल (आईफोन/एंड्रॉइड) के आधार पर अलग-अलग मूल्य निर्धारण के पहले के अवलोकन के बाद, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सीसीपीए के माध्यम से प्रमुख कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.’’
यह मुद्दा तब सामने आया, जब कई उपभोक्ताओं ने अलग-अलग स्मार्टफोन पर जांच करने पर एक ही गंतव्य के लिए किराए में अंतर की शिकायत की. यह देखा गया कि फोन के कुछ मॉडलों पर अधिक किराया दिखाया गया था, जबकि अन्य पर कम किराया दिखाया गया था.
सीसीपीए के इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करना और कैब एग्रीगेटर्स द्वारा निष्पक्ष व्यवहार सुनिश्चित करना है. कंपनियों को अब मूल्य निर्धारण तंत्र और इन किराया भिन्नताओं को प्रभावित करने वाले कारकों पर स्पष्टीकरण प्रदान करना आवश्यक है.
यह पहली बार नहीं है, जब विभाग ने प्रौद्योगिकी कंपनियों से जुड़े उपभोक्ता-संबंधी मामलों में हस्तक्षेप किया है. इससे पहले, सीसीपीए ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के संबंध में एप्पल को नोटिस जारी किया था. उपभोक्ताओं ने आईओएस 18 या बाद के संस्करणों में अपडेट करने के बाद आईफोन्स के साथ प्रदर्शन संबंधी समस्याओं की सूचना दी. विभाग ने इन शिकायतों की जाँच की और चिंताओं को दूर करने के लिए एप्पल से प्रतिक्रिया माँगी.
ओला, उबर और ऐप्पल को दिए गए नोटिस यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम दर्शाते हैं कि कंपनियां उपभोक्ताओं का शोषण न करने वाली निष्पक्ष प्रथाओं को अपनाएं. सीसीपीए की कार्रवाइयों से इन मुद्दों पर स्पष्टता और समाधान आने की उम्मीद है, साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रौद्योगिकी सेवाओं में उपभोक्ता का विश्वास भी मजबूत होगा.