एसआईपी में शुद्ध प्रवाह 233 फीसदी बढ़ा, म्यूचुअल फंड में 135 प्रतिशत की वृद्धि

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 21-12-2024
Net inflows in SIPs increased by 233 per cent, mutual funds increased by 135 per cent
Net inflows in SIPs increased by 233 per cent, mutual funds increased by 135 per cent

 

मुंबई. भारत में एसआईपी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में शुद्ध प्रवाह 233 फीसदी (सालाना आधार) बढ़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था कठिन भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद लचीली बनी हुई है.

आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से नवंबर तक कुल शुद्ध प्रवाह 9.14 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 2023 में यह 2.74 लाख करोड़ रुपये था, जो 233 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

नवंबर के अंत में रजिस्टर्ड नए एसआईपी की संख्या बढ़कर 49.47 लाख हो गई, जबकि नवंबर 2023 में यह 30.80 लाख थी.

रिपोर्ट के अनुसार, एसआईपी एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) नवंबर में 13.54 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 2023 में यह 9.31 लाख करोड़ रुपये था.

भारतीय म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री ने पिछले एक साल में शुद्ध प्रवाह में 135 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि और शुद्ध एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि देखी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वर्षों में उद्योग में कई गुना वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक अच्छी स्थिति में है.

आईसीआरए एनालिटिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और बाजार डेटा प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक विकास कहानी बरकरार रहने और भारत के वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान होने के साथ, घरेलू म्यूचुअल फंड उद्योग में आने वाले वर्षों में कई गुना वृद्धि होने की उम्मीद है."

इस बीच, म्यूचुअल फंड उद्योग में कुल प्रवाह नवंबर 2024 में 135.38 प्रतिशत से बढ़कर 60,295.30 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नवंबर 2023 में यह 25,615.65 करोड़ रुपये था.

दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल नवंबर में शुद्ध एयूएम 49.05 लाख करोड़ रुपये था, जो इस साल नवंबर में ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर 68.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

जबकि भारत में सभी फंड्स में मजबूत वृद्धि देखी गई, इक्विटी कैटेगरी के तहत लार्ज कैप फंड में प्रवाह सबसे अधिक रहा, जो नवंबर 2024 में लगभग 731 प्रतिशत बढ़कर 2547.92 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 306.70 करोड़ रुपये था.

कुमार ने कहा, "बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक अनिश्चितता के बाद घरेलू बाजारों में बढ़ती अस्थिरता के बीच आने वाले दिनों में लार्ज और मिड-कैप फंड निवेशकों के बीच काफी आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं."

स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड, जिनके एयूएम में लगातार वृद्धि देखी गई है, मध्यम से लंबी अवधि में निवेशकों की रुचि बनाए रखने की संभावना है.