Last week was tough for investors, domestic economic conditions in favor of Indian stock market
मुंबई
भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता हफ्ता मुश्किलों भरा रहा. बीएसई के सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी दोनों ही सूचकांक में भारी गिरावट दर्ज की गई. प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स में क्रमश: 2.7 प्रतिशत और 2.2 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई.
आने वाले समय में घरेलू आर्थिक स्थितियां बाजार के पक्ष में दिख रही हैं. मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में जारी मजबूत क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) डेटा और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा वित्त वर्ष 25 के लिए मजबूत आर्थिक वृद्धि पूर्वानुमान के साथ आंकड़े बड़े पैमाने पर बाजार के पक्ष में हैं.
भारत के विनिर्माण उद्योग ने अक्टूबर में वृद्धि की गति फिर से हासिल कर ली है और इस तेजी को फैक्ट्री उत्पादन और सेवा गतिविधियों में तेज वृद्धि से समर्थन मिला है. एसएंडपी ग्लोबल द्वारा नवीनतम एचएसबीसी ‘फ्लैश’ पीएमआई सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर में मजबूत वृद्धि जारी रखी.
बीता हफ्ता निवेशकों और व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि बाजार में व्यापक स्तर पर बिकवाली देखी गई. निफ्टी 2.65 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 24,200 से नीचे बंद हुआ.
एंजेल वन के इक्विटी तकनीकी विश्लेषक राजेश भोसले ने कहा, "अक्टूबर खास तौर पर मुश्किल रहा है, अब तक बेंचमार्क में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. सबसे ज्यादा नुकसान व्यक्तिगत शेयरों को हुआ है, खास तौर पर मिड-कैप सेगमेंट को, जिसमें पिछले कुछ हफ्तों में भारी गिरावट आई है."
बीते हफ्ते का फोकस मिड-कैप में भारी गिरावट पर रहा है, लेकिन त्योहारी सीजन के साथ कुछ चुनिंदा सकारात्मक रुझान सामने आने की उम्मीद कर सकते हैं.
विशेषज्ञों की सलाह है कि लंबी अवधि के नजरिए वाले निवेशक इन स्तरों से गुणवत्ता वाले शेयरों की खरीद पर विचार कर सकते हैं.
वर्तमान भू-राजनीतिक तनाव और एफआईआई की भारी बिकवाली के कारण निवेशकों की निराशा के कारण भी धारणा प्रभावित हुई. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि एफआईआई की ओर से लगातार बिकवाली और घरेलू बाजार में सकारात्मक संकेतों की कमी से बाजार की निकट अवधि की धारणा प्रभावित हो सकती है.
हालांकि, निवेशकों को गुणवत्ता वाले स्टॉक जमा करने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए क्योंकि हाल ही के विनिर्माण डेटा के लचीलेपन से वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में आर्थिक सुधार की संभावना नजर आती है.
विशेषज्ञों ने कहा, "मूल्यांकन में नरमी, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में आय में उछाल और 2025 में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से बाजार को समर्थन मिलेगा. जिन क्षेत्रों पर नजर रखने की जरूरत है, उनमें खपत, एफएमसीजी, बुनियादी ढांचा, नई पीढ़ी की कंपनियां, विनिर्माण और रसायन शामिल हैं."
बीते कारोबारी दिन सेंसेक्स कारोबार के अंत में 662.87 अंक या 0.83 प्रतिशत गिरने के बाद 79,402.29 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 218.60 अंक या 0.9 प्रतिशत गिरने के बाद 24,180.80 पर आ गया.