आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्की भारत को वृद्धि के लिए एक रणनीतिक बाजार के रूप में देख रही है, क्योंकि वह देश के तेजी से होते डिजिटलीकरण और बढ़ती साइबर सुरक्षा आवश्यकताओं को पहचान रही है. कंपनी का लक्ष्य स्थानीय टीमों का विस्तार करना और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना है. कैस्परस्की के भारत क्षेत्र के महाप्रबंधक जयदीप सिंह ने बताया कि कंपनी ने पिछले दो वर्षों में देश में अपने कर्मचारियों की संख्या तीन गुना बढ़ा दी है, जिसमें बिक्री, पूर्व-बिक्री और सहयोग की भूमिकाओं में नई नियुक्तियां शामिल हैं.
उन्होंने भारत में स्थित वैश्विक शोध टीमों की मौजूदगी पर भी प्रकाश डाला जो प्रतिदिन 900 से अधिक उन्नत अनवरत जोखिम (एपीटी) समूहों की निगरानी करती हैं. सिंह ने जीटेक्स एशिया-2025 में पीटीआई-भाषा से कहा, “पिछले दो वर्षों में, हमने भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या तीन गुनी कर दी है...हमारे पास भारत से बाहर स्थित वैश्विक शोध दल का एक हिस्सा है जो खतरे की पहचान करता है.”
‘ग्रेट’ (कैस्परस्की वैश्विक शोध एवं विश्लेषण दल) कैस्परस्की के वैश्विक खतरे की खुफिया गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. कैस्परस्की ब्रांड निगरानी और खतरे को खत्म करने सहित अन्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए डिजिटल फुटप्रिंट इंटेलिजेंस (डीएफआई) विश्लेषकों में निवेश कर रही है. कैस्परस्की भारत को एक प्रमुख नवाचार केंद्र के रूप में देखती है और देश के भीतर अपने संसाधनों और अनुसंधान क्षमताओं का विस्तार जारी रखने की योजना बना रहा है.