मुंबई
कमजोर वैश्विक संकेतों और अमेरिकी व्यापार शुल्कों को लेकर चिंताओं के कारण बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई, हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से रेपो दर को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया.
दर में कटौती के साथ ही केंद्रीय बैंक ने अपनी नीतिगत स्थिति को भी 'समायोजनकारी' से बदलकर 'तटस्थ' कर दिया. हालांकि, शुल्क संबंधी आशंकाओं के बीच सेंसेक्स 379.93 अंक या 0.51 प्रतिशत गिरकर 73,847.15 पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 136.70 अंक गिरकर 22,399.15 पर बंद हुआ. सेंसेक्स में सबसे ज़्यादा लाभ कमाने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया शामिल है, जो 3 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़त के साथ बंद हुआ, हिंदुस्तान यूनिलीवर में 2.52 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और टाइटन ने इंट्रा-डे सत्र में 1.66 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की. अन्य लाभ कमाने वाले शेयरों में अडानी पोर्ट्स, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स और आईटीसी शामिल हैं.
इसके विपरीत, सबसे ज़्यादा नुकसान उठाने वाले शेयरों में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई), टेक महिंद्रा, टाटा स्टील और लार्सन एंड टूब्रो शामिल हैं, जिनमें से कुछ शेयरों में 3.4 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. व्यापक बाजारों में भी बिकवाली का दबाव देखा गया. बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.08 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. क्षेत्रीय सूचकांकों में, निफ्टी आईटी, फार्मा, पीएसयू बैंक, रियल्टी और हेल्थकेयर में सबसे ज़्यादा गिरावट देखी गई.
इन क्षेत्रों में 1.11 प्रतिशत से 2.25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा, "पारस्परिक टैरिफ लागू होने के बाद वैश्विक वित्तीय बाजारों में नए सिरे से बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है." उन्होंने कहा कि भारत में रेपो दर में कटौती के साथ-साथ एक उदार नीतिगत रुख को अपनाना एक रचनात्मक कदम है. नायर ने कहा, "हालांकि, इससे समग्र बाजार भावना को बढ़ावा देने में कोई मदद नहीं मिली है, क्योंकि दुनिया मंदी के जोखिम को स्वीकार कर रही है." रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अजीत मिश्रा ने कहा कि चीन पर नए अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद भावना प्रभावित हुई, जिसके कारण शुरुआती कारोबार में गिरावट आई और उसके बाद सत्र काफी हद तक सीमित रहा. महावीर जयंती के उपलक्ष्य में 10 अप्रैल को बाजार बंद रहेंगे.