नई दिल्ली. भारत में स्टील की मांग कैलेंडर वर्ष 2025 में 8 से 9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. इसकी वजह हाउसिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग, पैकेजिंग और अन्य सेगमेंट्स में स्टील की मांग बढ़ना है. यह जानकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में बुधवार को दी गई.
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के उलट वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग में इस साल धीमापन देखने को मिल सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में स्टील की मांग बढ़कर 11 प्रतिशत और ब्राजील में 5.6 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है. वहीं, ग्लोबल स्तर पर स्टील की मांग में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है.
चीन, जो सबसे बड़ा स्टील उत्पादक और उपभोक्ता भी है, में मांग में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसकी वजह अनुकूल नीतिगत बदलावों और सहायता पैकेज जारी होने के बावजूद रियल एस्टेट क्षेत्र में स्टील की मांग में गिरावट होना है.
यूरोप, जापान और अमेरिका से भी स्टील की मांग में 2-3 प्रतिशत की अनुमानित गिरावट दर्ज की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और ब्राजील जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में मांग में वृद्धि ने वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग में भारी गिरावट को रोका है.
रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में सभी प्रमुख निर्यातकों से तैयार स्टील के आयात में काफी वृद्धि हुई है. उदाहरण के लिए, 2022 और 2024 के बीच चीन से तैयार स्टील के आयात में 2.4 गुना वृद्धि हुई है. वहीं, हॉट रोल्ड कॉइल्स के आयात में 28 गुना का इजाफा हुआ है.
इसी तरह जापान से तैयार स्टील के कुल आयात में 2022 के आधार से 2024 में 2.8 गुना वृद्धि हुई, जबकि एचआरसी आयात में 16.6 गुना वृद्धि हुई और वियतनाम से तैयार स्टील के आयात में आठ गुना वृद्धि हुई.