नई दिल्ली. देश में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी सरकारी पहलों से प्रेरित होकर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (ईएमएस) सेक्टर वित्त वर्ष 22 में 1.46 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 27 में 6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, ईएमएस सेक्टर अल्पावधि से मध्यम अवधि में अच्छा प्रदर्शन करेगा.
रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर कैलेंडर वर्ष 2023-2030 के बीच 26 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर से बढ़कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, ईएमएस सेक्टर में असेंबली एक्टिविटी में वृद्धि और मांग के कारण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए विशेष रूप से मोबाइल फोन, ऑटोमोटिव और औद्योगिक क्षेत्रों में एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य के रूप में उभर रहा है.
पीएलआई योजनाओं और सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम जैसी सरकारी नीतियों, घरेलू मांग में वृद्धि और आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम इस अवसर को और आगे बढ़ा रहे हैं.
मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट ने पांच कंपनियों के साथ एक बास्केट तैयार की है, जो ईएमएस सेक्टर में विकास के अवसरों से लाभ लेंगी.
सीजी पावर बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्ट्स के मार्केटिंग से जुड़ी है. कंपनी वोल्टेज मोटर्स, ब्रेकर, स्विचगियर और पावर मॉनिटर बनाती है.
एक दूसरी घरेलू कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज है जो मौजूदा मोबाइल ग्राहकों में मजबूत वॉल्यूम से लाभ ले रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें उम्मीद है कि डिक्सन को सभी सेगमेंट में अपनी मजबूत स्थिति, नए सेगमेंट को जोड़ने, पिछड़े इंटीग्रेशन और ओडीएम मिक्स सुधार से फायदा मिलता रहेगा."
केनेस टेक्नोलॉजी एक प्रमुख एंड-टू-एंड और इंटरनेट ऑफ थिंग्स इनेबल इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर हेल्दी ऑर्डर बुक ग्रोथ ट्रैजेक्ट्री और बेहतर मार्जिन प्रोफाइल से संचालित है.
यह अपने स्मार्ट मीटर व्यवसाय को तेजी से बढ़ा रहा है और उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2028 तक यह 1 बिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त करेगा और वित्त वर्ष 2029 तक इसका राजस्व तीन गुना हो जाएगा.
एम्बर एंटरप्राइजेज ऑटोमोटिव, डिफेंस मेडिकल और टेलीकॉम जैसे सेगमेंट में नए ग्राहक जोड़ रहा है और अपने इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन को तेज गति से बढ़ाने का लक्ष्य बना रहा है.
इस बीच, सरकार जल्द ही घरेलू कंपनियों को डीपर कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए अरबों डॉलर के प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, आगामी योजना से लैपटॉप जैसे डिवाइस के लिए प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) जैसे क्रिटिकल कंपोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहन मिलने की संभावना है.