होली 2025 बाजार : लखनऊ में 1 लाख रुपये की चांदी की पिचकारी, गोंडा में गोल्डन गुजिया-जानिए, कीमत ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 13-03-2025
Holi 2025 bazaar: Silver pichkaris worth Rs 1 lakh in Lucknow, golden gujiyas in Gonda
Holi 2025 bazaar: Silver pichkaris worth Rs 1 lakh in Lucknow, golden gujiyas in Gonda

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 

होली का त्यौहार भारत में खुशी और रंगों से भरा होता है. इस समय लोग न केवल एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, बल्कि विभिन्न अनोखे उपहारों का आदान-प्रदान भी करते हैं. इस बार उत्तर प्रदेश के लखनऊ और गोंडा में होली के त्यौहार से पहले कुछ अनोखी और महंगी चीजें बिक्री के लिए आई हैं, जिनमें से एक है 1 लाख रुपये की चांदी की पिचकारी और दूसरी है 50,000 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत वाली गोल्डन गुजिया.

लखनऊ में 1 लाख रुपये की चांदी की पिचकारी

लखनऊ की एक प्रसिद्ध आभूषण दुकान ने होली के मौके पर 1 लाख रुपये की कीमत की विशेष चांदी की पिचकारी (पानी की बंदूक) और छोटी बाल्टियाँ बेचना शुरू किया है. यह चांदी की पिचकारी एक पारंपरिक और अनोखी वस्तु बन गई है, जिसे खासतौर पर नवविवाहित जोड़ों के परिवारों के बीच उपहार के रूप में दिया जाता है.

ज्वैलर आदेश कुमार जैन ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है, जिसमें दुल्हन का परिवार दूल्हे के परिवार को यह चांदी की पिचकारी उपहार के रूप में देता है.

जैन ने कहा,"यह पिचकारी पहले से ही उपहार देने का तरीका रही है, और इसकी कीमत 8,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकती है."  उन्होंने यह भी बताया कि इस बार खास बात यह है कि चांदी की पिचकारी पर बारीक नक्काशी, मीनाकारी और पत्थरों की सजावट की गई है, जिससे इसकी खूबसूरती और भी बढ़ गई है.

बिक्री में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी

जैन ने बताया कि इस साल इन पिचकारियों की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है, और अब तक लखनऊ में कम से कम 1,000 पिचकारियां बिक चुकी हैं  जैन ने कहा. "चूंकि हम थोक में कारोबार करते हैं, कई दुकानदारों ने भी इन पिचकारियों को अपने ग्राहकों को बेचने के लिए हमसे खरीदी हैं." उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले सालों में यह परंपरा और भी लोकप्रिय होगी.

gujhiya

गोंडा में गोल्डन गुजिया

उत्तरी भारत के कई हिस्सों में होली के त्यौहार के दौरान मीठी वस्तुएं विशेष महत्व रखती हैं, और इस बार गोंडा में एक मिठाई की दुकान ने 'गोल्डन गुजिया' बनाने का अनूठा विचार पेश किया है. इस 'गोल्डन गुजिया' की कीमत 50,000 रुपये प्रति किलोग्राम और 1300 रुपये प्रति पीस है, जो इसे सबसे महंगी मिठाई बना देती है.

गोल्डन गुजिया के खास सामग्री और डिजाइन

गोंडा के मिठाई दुकान के मैनेजर शिवकांत चतुर्वेदी ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि इस गुजिया में 24 कैरेट सोने की परत और खास ड्राई फ्रूट्स की फिलिंग है, जो इसे एक विशेष और महंगी मिठाई बनाता है.चतुर्वेदी ने कहा, "हमारी 'गोल्डन गुजिया' में 24 कैरेट सोने की परत होती है और स्टफिंग में खास ड्राई फ्रूट्स होते हैं. यही नहीं, इसमें खाने योग्य सोने और चांदी का भी उपयोग किया गया है." 

आधुनिक समय में पारंपरिक मिठाई का अनोखा रूप

गोल्डन गुजिया पारंपरिक गुजिया का एक आधुनिक रूप है, जिसे खासतौर पर होली के मौके पर तैयार किया गया है. पारंपरिक गुजिया आमतौर पर खोया, मेवे और सूखे मेवे से भरी होती है, लेकिन इस संस्करण को जो खास बनाता है वह है उसमें खाने योग्य सोने की परत, जो उसे एक शानदार सुनहरा रंग देती है. इस मिठाई की महंगी कीमत भी इसके अनोखे और शाही रूप को देखते हुए समझ में आती है.

होली परंपरा में यह बदलाव और रुझान

होली के मौके पर बाजार में अनोखे और महंगे उपहारों की बढ़ती मांग यह दर्शाती है कि लोग इस त्यौहार को खास बनाने के लिए कुछ नया और अद्भुत चाहते हैं. चांदी की पिचकारी हो या गोल्डन गुजिया, इन दोनों का उद्देश्य सिर्फ होली के पारंपरिक खुशियों को बढ़ाना नहीं है, बल्कि इनकी कीमत और अनोखेपन के माध्यम से लोग अपनी स्थिति और प्यार को भी दिखाते हैं.

उत्तर प्रदेश के लखनऊ और गोंडा में होली के मौके पर पेश की गईं ये अनोखी वस्तुएं यह साबित करती हैं कि भारतीय समाज में परंपराओं और आधुनिकता का मिश्रण हो सकता है. चांदी की पिचकारी और गोल्डन गुजिया दोनों ही इस त्योहारी सीजन की हाइलाइट बन चुकी हैं.

चाहे यह एक उपहार के रूप में हो या एक मिठाई के रूप में, इन वस्तुओं ने होली के जश्न को और भी खास बना दिया है.इन वस्तुओं की बढ़ती लोकप्रियता से यह भी प्रतीत होता है कि आने वाले सालों में इस तरह की परंपराएं और भी प्रचलित होंगी, जो पुराने रीति-रिवाजों को आधुनिकता के साथ जोड़कर एक नया रूप देंगी.

इनपुटः एएनआई