आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जारी संकट के बीच जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर में सोमवार को पांच प्रतिशत की गिरावट आई और यह एक बार फिर निचली सर्किट सीमा पर पहुंच गया.
पिछले सप्ताह मंगलवार को अपने अंतरिम आदेश के जरिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भाइयों- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया था.
यह कार्रवाई सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से ऋण राशि को निजी उपयोग के लिए निकालने के आरोपों के बीच की गई है, जिससे कॉरपोरेट प्रशासन और वित्तीय कदाचार पर चिंताएं बढ़ गई हैं. बीएसई पर कंपनी का शेयर सोमवार को 4.98 प्रतिशत गिरकर 111.65 रुपये पर आ गया - जो इसकी सबसे कम कारोबार अनुमेय सीमा और 52 सप्ताह का सबसे निचला स्तर है.
एनएसई पर यह पांच प्रतिशत गिरकर 110.71 रुपये पर आ गया, जो कि निचला सर्किट और 52 सप्ताह का निचला स्तर है। यह शेयर 1,125.75 रुपये के अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर से अब 90 प्रतिशत नीचे आ चुका है.पिछले सप्ताह बुधवार और बृहस्पतिवार को भी कंपनी के शेयर ने निचले सर्किट की सीमा को छुआ था. जेनसोल इंजीनियरिंग सौर परामर्श सेवाएं, इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) सेवाएं, और इलेक्ट्रिक वाहनों को पट्टे पर देने आदि में लगी हुई है.
जून, 2024 में सेबी को शेयर की कीमत में हेरफेर और जेनसोल से धन की हेराफेरी से संबंधित शिकायत मिली और उसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई. इसके अलावा, सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग को 1:10 के अनुपात में शेयर विभाजन की अपनी योजना को स्थगित करने का निर्देश दिया.