तस्वीरों में देखें 144 साल बाद आयोजित कुंभ मेले की झलकियां

ये हैं रुद्राक्ष धारी बाबा, जो अपने सिर पर 45 किलो वजनी रुद्राक्ष की माला पहनते हैं.

ये है डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर, जहां आपको अद्भुत संगम देखने को मिलेगा.

फ्रांस, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, रूस, यूक्रेन, ब्राजील, स्पेन और अन्य देशों से आए पुरुष और महिला श्रद्धालुओं ने भी ‘पौष पूर्णिमा’ के अवसर पर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई.

प्रयागराज में सोमवार को महाकुंभ 2025 के दौरान पौष पूर्णिमा के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे एक साधु.

इस बार महाकुंभ खास माना जा रहा है क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है जिसका संबंध समुद्र मंथन से माना जाता है, जिसके दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था.

इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है जो कि उस समय समुद्र मंथन के दौरान भी बनी थी. साथ ही, महाकुंभ पर रवि योग का निर्माण होने जा रहा है.

दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति पर होगा, तीसरा स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पर होगा.

चौथा शाही स्नान 2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर होगा.

पांचवां शाही स्नान 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा पर होगा और आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर होगा.

वहीं महिला नागा साधुओं या नागा साध्वियों का कम चर्चित समुदाय भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है.

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