संगीत की शुरुआत: बिस्मिल्लाह खान ने 6 साल की उम्र में अपने चाचा, जो एक दरबारी संगीतकार थे, से शहनाई सीखना शुरू किया।
ऐतिहासिक प्रदर्शन: वे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला और ऑल इंडिया रेडियो दोनों पर प्रदर्शन करने वाले पहले व्यक्ति थे।
भारत में रहे: वैश्विक प्रसिद्धि के बावजूद, खान ने अपनी जड़ों के प्रति वफादार रहते हुए विदेश में प्रदर्शन करने के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया।
आध्यात्मिक संगीत: वे अक्सर गंगा के किनारे बजाते थे, उनका मानना था कि इससे वे ईश्वर के करीब पहुँचते हैं।
शहनाई आइकन: उन्होंने शहनाई को शादी के वाद्य से शास्त्रीय संगीत आइकन में बदल दिया।