ए वेडनसडे (2008): "आपके घर में कॉकरोच आता है तो आप क्या करते हैं राठौड़ साहब? ... आप उनको पलटते नहीं मार रहे हैं"

राजनीति (2010) "सवाल झंडे के रंग का नहीं है, क्योंकि गरीबी, भूखमारी, बेकारी, ये सब रंग पूछके वार नहीं करती"

जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (2011) "मैं तब तैयार नहीं था! आज भी नहीं हूं...

डेढ़ इश्किया (2014) "सात मुकाम होते हैं इश्क में... दिलकशी, उन्स, मोहब्बत, अकीदत, इबादत, जुनून और मौत"

स्पर्श (1980) "आप मुझे विकलांग क्यों कहते हैं? मैं बस दिव्यांग हूं"

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