टाइगर श्रॉफ के फेवरेट अर्शियान मेमन: एमएमए के असली हीरो

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 19-03-2025
Arshiyan Memon: You can call him the Bruce Lee or Muhammad Ali of India!
Arshiyan Memon: You can call him the Bruce Lee or Muhammad Ali of India!

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

भारत में जब क्रिकेट और फुटबॉल का जुनून चरम पर होता है, तब अन्य खेलों और उनके खिलाड़ियों को अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. मगर इन संघर्षों के बीच एक नाम तेजी से उभर रहा है—अर्शियान मेमन.

मौजूदा समय में उन्हें भारतीय मार्शल आर्ट्स का सबसे बड़ा नाम कहा जा सकता है. अर्शियान मेमन एक अपराजित एमएमए फाइटर हैं, जिनका रिकॉर्ड 7-0 का है। वे भारत में मार्शल आर्ट्स और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (MMA) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं.

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अर्शियान मेमन: एक प्रेरणा

अर्शियान मेमन को आज के दौर का मोहम्मद अली या ब्रूस ली कहा जा सकता है. उनकी फाइटिंग स्टाइल, मेहनत और लगन ने उन्हें भारतीय एमएमए का चमकता सितारा बना दिया है.

बॉलीवुड अभिनेता और फिटनेस आइकॉन टाइगर श्रॉफ भी उनके प्रशंसकों में शामिल हैं. अर्शियान न केवल एक बेहतरीन फाइटर हैं, बल्कि वे भारत में मार्शल आर्टिस्ट की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा भी हैं.

वीरेश कुमार कहते हैं, "अर्शियान मेमन सिर्फ एक फाइटर नहीं, बल्कि भारत के युवा मार्शल आर्टिस्टों के लिए एक प्रतीक हैं."

कृषा देशमुख का कहना है, "महाराष्ट्र का गौरव अर्शियान मेमन भारत के महत्वाकांक्षी मार्शल आर्टिस्टों के लिए आशा की किरण हैं."

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अर्शियान मेमन का एमएमए करियर

नाम: अर्शियान मेमन
प्रो एमएमए रिकॉर्ड: 7-0-0 (जीत-हार-ड्रा)
उम्र: 29 वर्ष (जन्म: 9 मई 1995)
लंबाई: 5 फीट 6 इंच (167 सेमी)
वजन वर्ग: फ्लाईवेट (125 पाउंड)
संबद्धता: द ब्लॉक
लड़ते हुए: महाराष्ट्र, भारत
फाउंडेशन स्टाइल: बॉक्सिंग

अर्शियान मेमन की उपलब्धियाँ

अर्शियान मेमन ने कई राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ जीती हैं, जहाँ उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 2014 में अपनी पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता (फरीदाबाद) खेली, जहाँ उन्होंने कांस्य पदक जीता। राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने 57 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया.

उनकी अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों में शामिल हैं:

  • एशियन पैंक्रेशन चैम्पियनशिप 2016 – कांस्य पदक

  • एशियन किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप 2017 – कांस्य पदक

  • पेशेवर किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता (2016, मुंबई) – स्वर्ण पदक

  • सुपर फाइट लीग, पुणे 2016 – स्वर्ण पदक

एमएमए में रिकॉर्ड और परफॉर्मेंस

अर्शियान मेमन के एमएमए करियर में कई यादगार मुकाबले शामिल हैं.

मैट्रिक्स फाइट नाइट 15 (31 अगस्त 2024)

  • जीत: गोविंद सिंह के खिलाफ (TKO, राइट हुक पंच, राउंड 1, 4:50 मिनट)

मैट्रिक्स फाइट नाइट 13 (28 अक्टूबर 2023)

  • जीत: नॉन्गमैथेम बॉन जोवी के खिलाफ (TKO, पैर की चोट, राउंड 1, 3:28 मिनट)

मैट्रिक्स फाइट नाइट 11 (31 मार्च 2023)

  • जीत: रितेश पासवान के खिलाफ (TKO, ग्राउंड और पाउंड, राउंड 2, 1:51 मिनट)

सुपर फाइट लीग 48 (26 मार्च 2016)

  • जीत: परवीन कुमार के खिलाफ (सबमिशन, रिवर्स गिलोटिन चोक, राउंड 2, 1:48 मिनट)

अर्शियान मेमन की ट्रेनिंग और फाइटिंग स्टाइल

अर्शियान मेमन ने अपनी स्कूली शिक्षा एम के कॉलेज, कल्याण से पूरी की और 2014 में मोहन के प्लैनेट और फिटनेस सेंटर में किकबॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू की. उन्होंने मार्शल आर्ट्स में बॉक्सिंग और किकबॉक्सिंग को अपनी फाइटिंग स्टाइल के रूप में अपनाया. उनके पास 3 साल और 5 महीने का किकबॉक्सिंग ट्रेनिंग अनुभव है.

उनका कहना है, "अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, मैंने 2014 में किकबॉक्सिंग सीखना शुरू किया. मैं रेंशी मोहन सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहा हूँ और राज्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया है."

 

अर्शियान मेमन और भारतीय एमएमए का भविष्य

अर्शियान मेमन की सफलता ने भारतीय एमएमए को एक नई दिशा दी है. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि भारत में भी मार्शल आर्ट्स और एमएमए में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है. उनकी कहानी आने वाले युवा मार्शल आर्टिस्टों के लिए एक प्रेरणा है.

वे भारत के लिए न केवल एक बेहतरीन फाइटर हैं, बल्कि मार्शल आर्ट्स समुदाय में एक नई ऊर्जा और दिशा देने वाले एथलीट भी हैं. उनकी मेहनत, लगन और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है, और आने वाले समय में वे और भी ऊँचाइयों को छू सकते हैं.

 

अर्शियान मेमन का सफर संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी है. उनकी उपलब्धियाँ भारत में एमएमए को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरणा देती हैं. उनकी फाइटिंग स्टाइल, अनुशासन और समर्पण ने उन्हें भारतीय एमएमए का सबसे बड़ा चेहरा बना दिया है.

भविष्य में वे और भी बड़े मुकाबलों में नजर आएंगे और भारतीय मार्शल आर्ट्स को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत रहेंगे.