कायमखानी बिरादरी के वीर जवानों ने फिर दिखाया साहस, सेना में सैंकड़ों युवाओं का चयन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-03-2025
The brave soldiers of Kayamkhani community showed courage again, hundreds of youth were selected in the army
The brave soldiers of Kayamkhani community showed courage again, hundreds of youth were selected in the army

 

अशफाक कायमखानी/ जयपुर

राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र सहित कुछ अन्य इलाकों में बसे मुस्लिम समुदाय की कायमखानी बिरादरी हमेशा से शिक्षा, समाज सेवा और सरकारी नौकरी में अपने योगदान के लिए पहचानी जाती रही है. इनकी सबसे बड़ी पहचान भारतीय सेना में भागीदारी है, जहां उनकी वीरता और साहस की कई कहानियाँ सुनने को मिलती हैं.

army

यह बिरादरी न केवल कृषि के क्षेत्र में योगदान देती है, बल्कि पुलिस और सेना जैसी सेवाओं में भी सक्रिय रूप से भाग लेती है. इनकी विशेषता यह है कि इस बिरादरी के कई सदस्य भारतीय सेना के उच्च पदों पर तैनात हैं और साथ ही वे कई प्रकार के आर्मी मेडल भी प्राप्त कर चुके हैं.

हाल ही में, भारतीय सेना के द्वारा घोषित किए गए अंतिम चयन परिणाम में शेखावाटी क्षेत्र के दर्जनभर युवकों का नाम आया है, जो भारतीय सेना के अग्निवीर के तौर पर सलेक्ट हुए हैं.

इन युवकों में शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू, चूरू और अन्य इलाकों के कई नामी परिवारों के लड़के शामिल हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से यह सफलता प्राप्त की है.

army

सलेक्ट होने वाले प्रमुख युवकों के नाम:

इस चयन में कई युवा शामिल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

  • समीर खान भारु (झुंझुनू), सहबाज खान भारु (झुंझुनू), इंजमाम खान भारु (झुंझुनू)
  • इरफान खान झारिया (चूरू), सहबाज खान नया बास (चूरू), साजिद खान पुत्र आरिफ खान (सहजूसर, चूरू)
  • रिज़वान/तैयब खान टाई (झुंझुनू), अय्यान खान हमीरखा का बास (झुंझुनू), इरफान खान हमीरखा का बास (झुंझुनू)
  • महफूज खान पुत्र अहमद अली खान (सहजूसर, चूरू), मोनू खान (चूरू)
  • जहीर खान, आवेश खान, सोयल खान (गाँगियासर, झुंझुनू)
  • इमरान खान, साजिद खान, निज़ाम खान (बजरंगसर, डीडवाना)
  • सोहिल खान, अरबाज खान पुत्र इशाक खान हवलदार (दाउदसर, डीडवाना)
  • समीर खान (छोटी बेरी, डीडवाना), इरफान खान (पितिसर, चूरू)
  • शहीद खान (चैनपुरा), आदिल खान (नूवा, झुंझुनू)
  • आशिफ खान, लक्की खान, शकील खान, नसीर खान (झुंझुनू, नागौर, चुरू)
  • फरदीन खान, समीर खान, साहिल खान (भादरा), मोइन खान (चूरू) आदि।

इन नामों के अलावा और भी कई युवा सेना में शामिल हुए हैं, जिनकी वीरता और समर्पण से यह साबित होता है कि कायमखानी बिरादरी ने हमेशा से देश की सेवा को प्राथमिकता दी है.

कायमखानी बिरादरी का इतिहास और सेना में योगदान

कायमखानी बिरादरी का इतिहास बहुत पुराना और गौरवमयी है. यह बिरादरी देश की स्वतंत्रता संग्राम और युद्धों में अपनी वीरता के लिए जानी जाती है. आजादी के पहले और बाद के विभिन्न युद्धों में इस बिरादरी के जवानों ने दुश्मन सेनाओं के छक्के छुड़ाए हैं.

इन जवानों ने न केवल देश की सीमाओं की रक्षा की है, बल्कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी अहम भूमिका निभाई है. घर-घर में वीर गाथाएँ सुनाई जाती हैं और यह परंपरा आज भी जीवित है.

army

वीरता और शहीदी की परंपरा

कायमखानी बिरादरी में जन्म लेने वाले प्रत्येक युवा के दिल में देश के प्रति असीम श्रद्धा और शहीद होने का जज्बा होता है.

यह भावना उन्हें अपने परिवार और समाज से मिलती है, जहां बचपन से ही उनके भीतर देश की सेवा का जज्बा और वीरता की भावना घर करती है. हर घर में वीरता की कहानियाँ सुनाई जाती हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं.

कायमखानी बिरादरी के इस योगदान के लिए उन्हें हमेशा सम्मानित किया जाएगा. ये युवक न केवल देश की सीमाओं पर, बल्कि किसी भी युद्ध में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए तैयार रहते हैं.

आजादी के बाद से अब तक कई लड़ाइयों और संघर्षों में उनकी भूमिका अतुलनीय रही है.

army

कायमखानी बिरादरी के युवा भारतीय सेना में अपने नाम रोशन कर रहे हैं और यह बिरादरी देश की सेवा में हमेशा अग्रणी रही है. उनका साहस, वीरता और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है.

आज के समय में, जहां युवा अपने करियर के विभिन्न क्षेत्रों में व्यस्त रहते हैं, वहां यह बिरादरी अपने पुराने परंपराओं को निभाते हुए भारतीय सेना में योगदान दे रही है,

और राष्ट्र की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. यह न केवल समाज के लिए गर्व की बात है, बल्कि देश की सुरक्षा और सामर्थ्य को भी मजबूत करता है.