बिहार के शम्स आलम का शानदार प्रदर्शन: गोवा में 24वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में जीते स्वर्ण सहित तीन पदक

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-10-2024
बिहार के शम्स आलम का शानदार प्रदर्शन: गोवा में 24वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में जीते स्वर्ण सहित तीन पदक
बिहार के शम्स आलम का शानदार प्रदर्शन: गोवा में 24वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में जीते स्वर्ण सहित तीन पदक

 

आवाज द वॉयस / नई दिल्ली

गोवा में आयोजित 24वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में बिहार के शम्स आलम ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरे देश का ध्यान खींचा है. यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 19 से 22 अक्टूबर तक गोवा में आयोजित की गई थी, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से पैरा एथलीट्स ने हिस्सा लिया. शम्स आलम ने अपनी अद्वितीय तैराकी प्रतिभा का परिचय देते हुए कई श्रेणियों में पदक हासिल किए.

शम्स आलम ने 200 मीटर के व्यक्तिगत मेडले (एसएम5 श्रेणी) में स्वर्ण पदक जीतकर खुद को एक मजबूत प्रतिस्पर्धी साबित किया. यह प्रतियोगिता उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही, क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से न केवल स्वर्ण पदक बल्कि अन्य इवेंट्स में भी शानदार प्रदर्शन किया.

 शम्स ने 100 मीटर फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीता और 100 मीटर बटरफ्लाई में कांस्य पदक भी अपने नाम किया, जिससे उनका कुल पदकों की संख्या तीन हो गई.

प्रतियोगिता में 28 राज्यों के 518 एथलीट्स की भागीदारी

इस वर्ष की राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में कुल 28 राज्यों से 518 एथलीट्स ने भाग लिया, जो इसे पैरा खेलों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आयोजन बनाता है. इस चैंपियनशिप में भाग लेने वाले एथलीट्स ने अपनी कठिनाइयों के बावजूद, अपनी अद्वितीय कौशल और क्षमता का परिचय दिया, जिससे यह प्रतियोगिता और भी रोचक और प्रेरणादायक बन गई.

बिहार के 8 पैरा एथलीट्स ने लिया भाग

बिहार की टीम से इस प्रतियोगिता में कुल 8 पैरा खिलाड़ी शामिल हुए. शम्स आलम ने जहां तीन पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाया, वहीं मोहित ने भी पदक हासिल कर बिहार का नाम रोशन किया. यह जीत बिहार के पैरा खेलों के विकास और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. शम्स और मोहित के शानदार प्रदर्शन से बिहार के अन्य पैरा एथलीट्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

शम्स आलम: एक प्रेरणादायक यात्रा

शम्स आलम का जीवन संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है. बिहार के इस युवा तैराक ने विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. पैरा खेलों में उनकी उपलब्धियों ने उन्हें न केवल बिहार बल्कि पूरे देश का गर्व बनाया है.

शम्स ने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और इच्छाशक्ति के बल पर यह साबित किया है कि शारीरिक बाधाएं किसी के सपनों को रोक नहीं सकतीं. उन्होंने अपनी तैराकी की प्रतिभा से यह दिखाया कि अगर इंसान के पास मजबूत इच्छाशक्ति हो तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है.


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बिहार में पैरा खेलों के लिए एक नई दिशा

शम्स आलम और मोहित जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन से बिहार में पैरा खेलों को नई दिशा मिली है. इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां यह दर्शाती हैं कि राज्य में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर की आवश्यकता है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे प्रदर्शन बिहार के अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेंगे और उन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.

शम्स पैरा तैराकी के आदर्श खिलाड़ी

शम्स आलम ने गोवा में 24वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में अपने शानदार प्रदर्शन से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. उनकी स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने की यह उपलब्धि उन्हें पैरा तैराकी के क्षेत्र में एक आदर्श खिलाड़ी बनाती है. उनके संघर्ष और सफलता की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि किसी भी बाधा को पार करके सपनों को साकार किया जा सकता है.