प्रो. अज़ीज़ बानो को मिला अंतर्राष्ट्रीय सादी पुरस्कार, फारसी साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-02-2025
Prof. Aziz Bano receives International Saadi Award, honoured for contribution to Persian literature
Prof. Aziz Bano receives International Saadi Award, honoured for contribution to Persian literature

 

आवाज द वाॅयस /हैदराबाद

 मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) के फ़ारसी और मध्य एशियाई अध्ययन विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर अज़ीज़ बानो को फ़ारसी भाषा और साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित "अंतर्राष्ट्रीय सादी पुरस्कार" से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार दिल्ली स्थित ख़ाना-ए-फ़रहंग-ए-ईरान द्वारा प्रदान किया जाता है, जो फारसी भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अग्रणी संस्था है.

सम्मान समारोह और पुरस्कार

यह भव्य सम्मान समारोह 23 फरवरी को दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें प्रो. अज़ीज़ बानो को ईरानी संसद (मजलिस) के पूर्व अध्यक्ष और सादी फाउंडेशन, तेहरान के अध्यक्ष डॉ. गुलाम अली हद्दाद आदिल द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया. इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें आभार पट्टिका, नकद पुरस्कार और ईरानी हस्तशिल्प प्रदान किया गया.

मानू के कुलपति और शिक्षकों ने दी बधाई

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन और रजिस्ट्रार प्रो. इश्तियाक अहमद ने प्रो. अज़ीज़ बानो को इस प्रतिष्ठित उपलब्धि के लिए बधाई दी. विश्वविद्यालय के फ़ारसी विभाग के शिक्षकों और विभिन्न परिसरों से जुड़े विद्वानों ने भी इस सम्मान को गर्व की बात बताया.

बधाई देने वालों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
🔹 हैदराबाद परिसर:

  • विभागाध्यक्ष डॉ. सैयद इस्मत जहां,
  • डॉ. कैसर अहमद, डॉ. इफ्तिखार अहमद, डॉ. मुहम्मद रिजवान, डॉ. कतलुत्रिक, डॉ. मेराज आलम, डॉ. मुहम्मद अली.

🔹 लखनऊ परिसर:

  • डॉ. निकहत फातिमा, डॉ. सरफराज, डॉ. जीशान हैदर.

🔹 श्रीनगर परिसर:

  • डॉ. जुनैद अहमद, डॉ. मकसूद हुसैन, डॉ. ताहिर अली.

इसके अलावा, भाषा स्कूल के डीन प्रो. गुलफशन हबीब ने भी प्रो. अज़ीज़ बानो की इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण बताया.

फ़ारसी साहित्य में प्रो. अज़ीज़ बानो का योगदान

प्रो. अज़ीज़ बानो फ़ारसी भाषा और साहित्य के अध्ययन, शोध और शिक्षण में दशकों से योगदान दे रही हैं. उन्होंने फारसी साहित्य पर कई महत्वपूर्ण लेख और शोध-पत्र प्रकाशित किए हैं. उनकी विद्वता और प्रयासों ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फारसी भाषा को लोकप्रिय बनाने में मदद की है.

क्या है अंतर्राष्ट्रीय सादी पुरस्कार?

अंतर्राष्ट्रीय सादी पुरस्कार फ़ारसी साहित्य और भाषा के उत्थान में योगदान देने वाले विद्वानों और लेखकों को दिया जाता है. यह पुरस्कार प्रसिद्ध ईरानी कवि सादी शिराजी के नाम पर दिया जाता है, जो फ़ारसी साहित्य के स्वर्ण युग के महान कवियों में से एक माने जाते हैं.

भारत-ईरान सांस्कृतिक संबंधों की मजबूत कड़ी

भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक रूप से गहरे सांस्कृतिक और भाषाई संबंध रहे हैं. फारसी भाषा ने भारत की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है. प्रो. अज़ीज़ बानो को यह सम्मान मिलना, भारत में फारसी भाषा के अध्ययन और प्रचार को और अधिक गति देने वाला साबित होगा.

अंत में

प्रो. अज़ीज़ बानो का "अंतर्राष्ट्रीय सादी पुरस्कार" प्राप्त करना, न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि भारतीय फारसी साहित्यिक समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह सम्मान भारत और ईरान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है.