एमबीजेडयूएआई ने किया नंदा का शुभारंभ, हिंदी भाषा में एआई की दुनिया में नई क्रांति

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 01-11-2024
MBZUAI launches NANDA, a new revolution in the world of AI in Hindi language
MBZUAI launches NANDA, a new revolution in the world of AI in Hindi language

 

आवाज द वाॅयस /अबू धाबी 

मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एमबीजेडयूएआई) ने "नंदा" नामक दुनिया का सबसे उन्नत ओपन-सोर्स हिंदी लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) लॉन्च किया है, जो आधे अरब से अधिक हिंदी भाषी लोगों को सशक्त बनाएगा.

 एमबीजेडयूएआई, जो पूरी तरह से एआई अनुसंधान के लिए समर्पित दुनिया का पहला स्नातक-स्तरीय विश्वविद्यालय है, ने इस मॉडल को इंस्टीट्यूट ऑफ फाउंडेशन मॉडल्स (आईएफएम), इनसेप्शन (एक G42 कंपनी) और सेरेब्रस सिस्टम्स के साथ साझेदारी में विकसित किया है.

समझें नंदा की बारीकियां

लामा-3-नंदा-10बी-चैट, जिसे संक्षेप में "नंदा" कहा जाता है, एक 10-बिलियन पैरामीटर मॉडल है. इसे हिंदी में अत्यधिक परिष्कृत भाषा और तर्क क्षमताओं के साथ बनाया गया है और इसे कोंडोर गैलेक्सी सुपरकंप्यूटर पर प्रशिक्षित किया गया है, जिसे G42 और सेरेब्रस सिस्टम ने तैयार किया है.

नंदा मॉडल के प्रदर्शन को अंग्रेजी और अन्य ओपन-सोर्स बहुभाषी मॉडलों के मुकाबले परखा गया है . यह हिंदी में उल्लेखनीय दक्षता और सटीकता दिखाता है. यह मॉडल अब हगिंगफेस पर https://huggingface.co/MBZUAI/Llama-3-Nanda-10B-Chat पर उपलब्ध है.


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MBZUAI President and University Professor Eric Xing

 

 

 

 

एमबीजेडयूएआई के अध्यक्ष की प्रतिक्रिया

एमबीजेडयूएआई के अध्यक्ष और प्रोफेसर एरिक जिंग ने नंदा के लॉन्च पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत की एआई महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, "हिंदी भाषा के लिए एक सटीक और कुशल एलएलएम का निर्माण एआई के समावेशी और सुलभ भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है."

हिंदी एआई के लिए  मील का पत्थर

एमबीजेडयूएआई के प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर प्रेस्लाव नाकोव ने कहा, "नंदा हिंदी के जनरेटिव एआई के लिए एक क्रांतिकारी उन्नति है, जो दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. इसे एक ओपन मॉडल के रूप में जारी किया गया है ताकि लोग इसे हगिंगफेस से डाउनलोड कर सकें और इसे स्थानीय हार्डवेयर पर चला सकें.."

प्रोजेक्ट के सह-नेता का दृष्टिकोण

प्रोफेसर मोनोजीत चौधरी, जो इस परियोजना के सह-नेता हैं, ने कहा कि हिंदी के एलएलएम की वर्तमान स्थिति अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाई है. उन्होंने इसे आवश्यक बताते हुए कहा कि भारत जैसे बड़े देश के लिए यह मॉडल वाणिज्यिक अवसरों का द्वार खोलेगा और व्यापक समुदायों को लाभान्वित करेगा.

जैस मॉडल से प्रेरणा

एमबीजेडयूएआई ने पहले अरबी एलएलएम "जैस" को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिसने अरब दुनिया में एनएलपी (प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण) के क्षेत्र में क्रांति लाई और 400 मिलियन से अधिक अरबी बोलने वालों को अपनी भाषा में एआई सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर दिया. अब नंदा भी उसी प्रेरणा से हिंदी के लिए जनरेटिव एआई की दुनिया में एक अहम कदम है.

नंदा का महत्व

नंदा का ओपन-सोर्स रिलीज हिंदी में एआई की सुविधा का विस्तार करने के साथ-साथ इसे न्यायसंगत और सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ी सफलता है.