नमो केंद्र की जूरी ने जुनैद मंज़ूर को श्री रतन नवल टाटा के जीवन पर आधारित एक पुस्तक लिखने के लिए चयनित किया है, जो समाज और उद्योग में उनके योगदान को उजागर करेगी,. प्रो. जसीम मोहम्मद, जो नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष हैं, ने बताया कि इस छात्रवृत्ति के लिए देश भर से युवाओं ने अत्यधिक प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने कहा, "हमें रतन टाटा के नेतृत्व और विरासत को समझने वाले युवाओं से कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. विशेष रूप से, हमने हिंदी भाषा में प्रस्तावों की प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत कम देखी, और जो प्रस्ताव आए वे हमारे गुणवत्ता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे. इसलिए, जूरी ने हिंदी प्रस्तावों की समय सीमा को बढ़ाकर 30 अप्रैल 2025 तक कर दिया है, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली हिंदी पुस्तकें प्राप्त की जा सकें."
रतन टाटा की विरासत पर पुस्तक
यह पुस्तक रतन टाटा की परोपकारिता, राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान और उनके दृष्टिकोण की विशेषताओं को रेखांकित करेगी. प्रो. जसीम मोहम्मद ने आगे कहा, "हमारी पुस्तक का उद्देश्य युवा पीढ़ी को श्री रतन टाटा की प्रेरक यात्रा से परिचित कराना है, और यह दिखाना है कि कैसे उन्होंने भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलते हुए नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी को बनाए रखा."
अनुदान और प्रकाशन
जूरी सदस्य प्रो. दिव्या तंवर ने घोषणा की कि, "जुनैद मंज़ूर को उनके शोध और लेखन के लिए 50,000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही, नमो पब्लिकेशन पुस्तक का प्रकाशन करेगा, जिसे बाद में नि:शुल्क वितरित किया जाएगा." यह पुस्तक श्री रतन नवल टाटा की विरासत पर आधारित होगी और इसे नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाएगा.
कश्मीर से युवा लेखक की सफलता
जुनैद मंज़ूर, जो कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं, अपनी शोध और लेखन क्षमता के लिए जाने जाते हैं. उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि कश्मीर के लिए भी गर्व का विषय है, क्योंकि यह कश्मीर के युवा लेखकों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है.
राष्ट्रीय स्तर पर युवा लेखकों का समर्थन
नमो केंद्र के जूरी और सलाहकार परिषद के सदस्य जावेद रहमानी ने कहा, "हमारे देश को आकार देने वाले महान नेताओं की कहानियों को दस्तावेजीकरण करने के लिए हम युवा लेखकों का समर्थन करते हैं. इस तरह की परियोजनाएँ हमारे आने वाले पीढ़ी को प्रेरित करती हैं और उनके लिए एक सकारात्मक दिशा तय करती हैं."
रतन टाटा मेमोरियल लेक्चर
नमो केंद्र ने रतन टाटा की विरासत को जीवित रखने के लिए पिछले साल 28 दिसंबर को भारत अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित पहले रतन टाटा मेमोरियल लेक्चर के दौरान घोषणा की थी कि युवा लेखकों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में दो पुस्तकें लिखने के लिए 50-50 हजार रुपये की छात्रवृत्तियाँ दी जाएंगी.
यह कार्यक्रम रतन टाटा की योगदानों को व्यापक स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था.इस पहल के माध्यम से नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र देश के युवाओं को प्रेरित करने और उनके बीच राष्ट्र निर्माण और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है.