जावेद अली ने बताया संगीत में सफलता पाने का राज: 'रियलिटी शो से बढ़ें, अगर इरादा अच्छा हो

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 21-12-2024
Javed Ali told the secret of success in music: 'Get ahead from reality shows, if the intention is goodअगर इरादा अच्छा हो
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प्रसिद्ध गायक जावेद अली ने हाल ही में पुणे में अपने भावपूर्ण सूफी संगीत कार्यक्रम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.इस दौरान जावेद अली ने समय निकाल कर आवाज द वाॅयस मराठी की महिमा थोम्ब्रे से बातचीत की.इस साक्षात्कार में जावेद अली ने अपनी संगीत यात्रा, गायन के बारे में अपने विचार और बहुत कुछ साझा किया.पेश है बातचीत के मुख्य अंश.

उस्ताद गुलाम अली खान का प्रभाव

जावेद अली से जब पूछा गया कि उस्ताद गुलाम अली खान का उनके व्यक्तित्व और गायन पर क्या असर पड़ा, तो उन्होंने कहा, “बचपन से ही मुझे उस्ताद गुलाम अली खान की ग़ज़लें बहुत पसंद थीं.वे मेरे आदर्श रहे हैं.

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जब आप किसी से गहरे रूप से प्रभावित होते हैं, तो उनके काम के कुछ तत्व आपके काम में आ ही जाते हैं.मुझे खुशी होती है जब लोग मेरी आवाज़ में गुलाम अली खान की गायकी की झलक पाते हैं.मेरी आवाज़ में कुछ हद तक स्वाभाविक 'फिरत' है, और मैं इसको कई गानों में इस्तेमाल करने की कोशिश करता हूँ.”

परिवार में संगीत की विरासत

जावेद अली ने बताया कि संगीत उनके परिवार की विरासत है.उनके पिता भी गायक थे.उन्होंने कहा, “हालाँकि घर में संगीत का माहौल था, लेकिन यह जरूरी नहीं था कि हर किसी को संगीत में रुचि हो.संगीत का ज्ञान और समझ एक ईश्वरीय उपहार है, जो कुछ ही लोगों को मिलता है.

मैं इस उपहार के लिए बहुत आभारी हूँ.मेरे परिवार के सभी सदस्य परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स से जुड़े थे, जिससे घर में हमेशा संगीत का वातावरण रहता था.मेरे पिता से मुझे संगीत की सोच विरासत में मिली.बचपन से ही मेरा झुकाव इस ओर था.मैं उस्ताद गुलाम अली खान की ग़ज़लें सुनकर प्रेरित हुआ और इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का निर्णय लिया.”

दिल्ली से मुंबई तक का सफर

जब जावेद अली से दिल्ली से मुंबई आने और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “यह यात्रा कई चुनौतियों से भरी थी.हम एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे और आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी.

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बचपन से ही मैंने धैर्य से चीजों का इंतजार करना सीखा था.लेकिन मेरे मन में हमेशा यह ख्याल था कि मैं अपने माता-पिता की स्थिति बदलूं.इस सोच के साथ मैंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और धीरे-धीरे प्लेबैक सिंगर के रूप में अपनी पहचान बनाई.”

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विविध गायन शैलियाँ

जावेद अली ने शास्त्रीय, ग़ज़ल, सूफ़ी और रोमांटिक जैसे विभिन्न गायन शैलियों में गाने के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मेरे ख्याल से, हर शैली को गाने के लिए आपको गहरे ज्ञान और संगीतमय सोच की आवश्यकता होती है.मैंने हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार हर शैली को आज़माया और खुद को किसी एक शैली तक सीमित नहीं रखा.इसके साथ ही मैंने एक बहुमुखी गायक के रूप में पहचान बनाई.”

चुनौतीपूर्ण और संतुष्टिदायक गीत

जब जावेद अली से पूछा गया कि अब तक के उनके सबसे चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक गीत कौन से रहे, तो उन्होंने 'अर्ज़ियाँ', 'जश्न-ए-बहारा', 'तू जो मिला', और 'कुन फ़या कुन' का नाम लिया.उन्होंने कहा, "जब भी मैं कोई गीत गाता हूँ, तो हमेशा यह डर रहता है कि लोग उसे पसंद करेंगे या नहीं.इसलिए, मैं हर गीत को अपनी पूरी क्षमता और ईमानदारी से गाने का प्रयास करता हूँ."

आकांक्षी गायकों के लिए सलाह

जावेद अली ने रियलिटी शो के माध्यम से गायन में करियर बनाने की कोशिश करने वाले गायकों के लिए कहा, “कई लोग सोचते हैं कि रियलिटी शो में हिस्सा लेने से उनका रास्ता आसान हो जाएगा.यह शो पार्श्व गायन या स्वतंत्र संगीतकार बनने की चाह रखने वालों के लिए मददगार हो सकते हैं, लेकिन जो लोग सिर्फ प्रसिद्धि के लिए आते हैं, उन्हें यह अस्थायी लग सकता है.

ऐसे शो में भाग लेने से केवल प्रसिद्धि ही नहीं, बल्कि अच्छा काम करने की नीयत होनी चाहिए.”