जामिया के प्रो हक फेफड़ों के कैंसर का निकालेंगे समाधान,आईसीएमआर ने दिया 65 लाख रूपये का अनुदान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-11-2024
Jamia's Prof Haq will find a solution to lung cancer, ICMR gives a grant of Rs 65 lakh
Jamia's Prof Haq will find a solution to lung cancer, ICMR gives a grant of Rs 65 lakh

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. मोहम्मद महफूजुल हक को लगभग 65 लाख रुपये का प्रतिष्ठित अनुसंधान अनुदान प्रदान किया है. यह अनुदान हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर के क्षेत्र में उन्नत शोध को प्रोत्साहन और आणविक एंजाइमोलॉजी में प्रो. हक के योगदान को मान्यता देगा .

शोध का उद्देश्य और महत्व

यह अनुदान प्रो. हक और उनकी टीम को फेफड़ों के कैंसर के रोगजनन में आईएनओएस (iNOS) की भूमिका और इससे जुड़े आणविक तंत्रों पर गहराई से अध्ययन करने का अवसर देगा. इसका उद्देश्य संभावित चिकित्सीय लक्ष्यों की पहचान करना और फेफड़ों के कैंसर से निपटने के लिए नई उपचार रणनीतियां विकसित करना है. इस शोध से भारत और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा पद्धतियों में उल्लेखनीय योगदान की संभावना है.

कुलपति और कुलसचिव ने दी बधाई

जामिया के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने प्रो. हक को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा,"यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है. प्रो. हक को आईसीएमआर का अनुदान मिलना शोध और नवाचार में हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. हमें विश्वास है कि यह शोध स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा."

क्या कहा प्रो हक ने

इस उपलब्धि पर प्रो. मोहम्मद महफूजुल हक ने कहा,"आईसीएमआर से यह अनुदान प्राप्त करना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है. यह हमारे शोध को आगे बढ़ाने और लाखों लोगों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने का एक बड़ा अवसर है. मैं अपनी टीम, विश्वविद्यालय और आईसीएमआर के समर्थन के लिए आभारी हूं."

अनुदान की अवधि और उपयोग

यह अनुदान तीन वर्षों की अवधि के लिए प्रदान किया गया है, जिसमें उन्नत प्रयोग, विशेषज्ञ सहयोग और नवीन दृष्टिकोणों को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल है. यह पहल आईसीएमआर के उस मिशन के अनुरूप है, जो भारत की स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है.

प्रो. हक का शोध और योगदान

प्रो. मोहम्मद महफूजुल हक एक विख्यात आणविक एंजाइमोलॉजिस्ट हैं. उनका शोध नाइट्रिक ऑक्साइड सिंथेस और अन्य फ्लेवोप्रोटीन की संरचना, जैव रसायन और कार्य पर केंद्रित है, जो हृदय रोग, पल्मोनेरी उच्च रक्तचाप और कैंसर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

उन्होंने 2017 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में अपनी सेवाएं शुरू कीं और 2017-2020 तक विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. जामिया में अपनी नियुक्ति से पहले उन्होंने अमेरिका के क्लीवलैंड क्लिनिक में आणविक चिकित्सा के संकाय सदस्य के रूप में काम किया और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए.इस उपलब्धि ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शोध और नवाचार में उत्कृष्टता को और ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है.