आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के बायोसाइंसेज विभाग की तीसरे वर्ष की छात्रा, अरीबा अनवर ने अकादमिक उत्कृष्टता के लिए 2024 का प्रतिष्ठित दामोदरश्री राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर संस्थान का नाम रोशन किया.
"विक्ट्री विल बी ऑफ ह्यूमन स्पिरिट" विषय पर उनके निबंध ने देशभर के प्रतिभागियों के बीच सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया.प्रयागराज स्थित एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज, जो इलाहाबाद विश्वविद्यालय का एक घटक कॉलेज है, पिछले पंद्रह वर्षों से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का आयोजन कर रहा है.
इस वर्ष प्रतियोगिता में दो हजार से अधिक प्रतिभागियों ने अपने निबंध प्रस्तुत किए, जिनमें से केवल 10 निबंधों को अंतिम दौर के लिए चुना गया. अरीबा अनवर का निबंध न केवल सर्वश्रेष्ठ 10 में शामिल हुआ, बल्कि उन्हें देश भर में सर्वश्रेष्ठ स्नातक निबंध के लिए विजेता घोषित किया गया.
पुरस्कार के तहत उन्हें 30,000 रुपये की नकद राशि, एक स्मृति चिन्ह और 5,000 रुपये की पुस्तकें भेंट की गईं. यह पुरस्कार हर साल 2 अक्टूबर को आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है.अरीबा अनवर ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के डीएसडब्ल्यू (डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर) कार्यालय के अंतर्गत साहित्य, ललित कला, प्रश्नोत्तरी और वाद-विवाद क्लब के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया.
निबंध के अंतिम बचाव के लिए प्रयागराज रवाना होने से पहले, उन्होंने अपने निबंध की प्रस्तुति दी और साहित्य क्लब के सदस्य, डॉ. रूमी नक्वी के साथ अपने विचारों पर चर्चा की. डॉ. नक्वी ने उन्हें निबंध को और मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
अरीबा अनवर के 5,000 शब्दों के इस निबंध ने मानवीय भावना के लचीलेपन को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि यह भावना कैसे न केवल हमारे व्यक्तिगत अस्तित्व के लिए, बल्कि राष्ट्र के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है.
उनके निबंध को केंद्रीय विश्वविद्यालयों से प्राप्त 2,003 निबंधों में सर्वश्रेष्ठ माना गया, जिससे वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की हकदार बनीं.यह उपलब्धि अरीबा अनवर और जामिया मिल्लिया इस्लामिया दोनों के लिए गौरव का क्षण है, जो संस्थान की अकादमिक गुणवत्ता और छात्रों की रचनात्मकता का प्रमाण है.