जामिया मिल्लिया स्कॉलर शाहिद जमाल ने सर सैयद दिवस निबंध प्रतियोगिता में मारी बाजी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-10-2024
Jamia Millia scholar Shahid Jamal wins Sir Syed Day essay competition
Jamia Millia scholar Shahid Jamal wins Sir Syed Day essay competition

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शैक्षिक अध्ययन विभाग के पीएचडी स्कॉलर शाहिद जमाल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया. यह प्रतियोगिता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित वार्षिक सर सैयद दिवस समारोह के अंतर्गत आयोजित की गई थी, जिसमें देश भर से छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

प्रतियोगिता का विषय और उद्देश्य

प्रतियोगिता का विषय था: "समुदायों को जोड़ना: भारत में धार्मिक सद्भाव की श्रीवृद्धि के लिए सर सैयद के प्रयास." यह विषय न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि वर्तमान सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के संदर्भ में भी अत्यंत प्रासंगिक .

सर सैयद अहमद खान के कार्यों और उनके विचारों ने भारत में धार्मिक सद्भाव और समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देने में एक अहम भूमिका निभाई थी, और यह प्रतियोगिता इसी दिशा में उनके योगदान को उजागर करने का एक प्रयास था.

प्रतियोगिता में तीन भाषाओं – अंग्रेजी, उर्दू, और हिंदी – में प्रविष्टियां आमंत्रित की गई. देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से छात्रों ने इसमें भाग लिया, जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल थे.

शाहिद जमाल की सफलता

शाहिद जमाल ने प्रतियोगिता में उर्दू भाषा में लिखे अपने निबंध के माध्यम से द्वितीय स्थान प्राप्त किया. उनका निबंध सर सैयद अहमद खान के प्रयासों पर केंद्रित था, जिन्होंने भारत में विभिन्न समुदायों के बीच आपसी भाईचारे और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समर्पित किया.

शाहिद ने अपने निबंध में सर सैयद के विचारों को विस्तार से समझाया और उनके सामाजिक सुधार आंदोलनों का विश्लेषण किया. उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार सर सैयद के प्रयास आज भी प्रासंगिक हैं और भारत की सामाजिक संरचना को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं.

शाहिद जमाल को इस उपलब्धि के लिए 15,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया.  निबंध के माध्यम से उन्होंने न केवल अपनी लेखनी की उत्कृष्टता का परिचय दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि वे सामाजिक मुद्दों और धार्मिक सद्भाव जैसे जटिल विषयों पर गहरी सोच रखने वाले एक चिंतनशील विद्वान हैं.

सर सैयद दिवस समारोह में पुरस्कार वितरण

दिनांक 17 अक्टूबर, 2024 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सर सैयद दिवस स्मारक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली उपस्थित थे. समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नईमा खातून भी मौजूद थीं.

इस समारोह के दौरान विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए. शाहिद जमाल को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.

मुजफ्फर अली और प्रो. नईमा खातून ने शाहिद और अन्य विजेताओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रतियोगिताओं में छात्रों का भाग लेना और अपनी सोच व विचारों को सामने लाना समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि सर सैयद अहमद खान जैसे महापुरुषों के विचारों पर आधारित प्रतियोगिताओं का आयोजन समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाने का महत्वपूर्ण माध्यम है.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की प्रतिक्रिया

शाहिद जमाल की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने गर्व व्यक्त किया है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों और शिक्षकों ने शाहिद को बधाई देते हुए कहा कि उनकी इस उपलब्धि ने विश्वविद्यालय का नाम रौशन किया है. शाहिद की इस सफलता से न केवल उनके परिवार और दोस्तों को गर्व महसूस हो रहा है, बल्कि उनके साथी छात्र भी इससे प्रेरित हो रहे हैं.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "शाहिद जमाल की इस विशिष्ट उपलब्धि पर हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं. उनका यह सम्मान विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण और छात्रों की क्षमता का प्रमाण है."

युवा विद्वान का सामाजिक मुद्दों पर चिंतन

शाहिद जमाल की यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह दर्शाती है कि जब युवा विद्वान ऐतिहासिक और सामाजिक मुद्दों पर गहराई से चिंतन करते हैं, तो वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होते हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में शाहिद की यह उपलब्धि उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करती है और उनकी लेखनी और विचारशीलता की प्रशंसा करती है.