अमीरात एयरलाइन में देवनागरी में छपे मेनू कार्ड से भारतीय संस्कृति को मिला सम्मान, मनोज मुंतशिर ने कहा- 'जय हिंदी, जय हिंद !

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-12-2024
Indian culture got respect from the menu card printed in Devanagari in Emirates Airlines, Manoj Muntashir said- 'Jai Hindi, Jai Hind!
Indian culture got respect from the menu card printed in Devanagari in Emirates Airlines, Manoj Muntashir said- 'Jai Hindi, Jai Hind!

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली

अरब देशों में भारतीयों की धाक अब एक नई ऊंचाई पर पहुँच रही है, और इसका ताजा उदाहरण है अमीरात एयरलाइन का वह कदम, जिससे भारतीय संस्कृति और भाषा को नया सम्मान मिला है.हाल ही में अमीरात एयरलाइन ने अपने हिंदुस्तानी यात्रियों के लिए हवाई यात्रा के दौरान देवनागरी लिपि में मुद्रित मेनू कार्ड उपलब्ध कराना शुरू किया.

यह पहल खासकर हिंदी भाषी भारतीयों के लिए एक बहुत ही सुखद आश्चर्य साबित हुई.इस कदम ने न केवल भारतीयों को गर्व महसूस कराया, बल्कि यह भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और अरब देशों में भारतीय संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है.

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मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर, जो हिंदी फिल्मों के गानों के लिए जाने जाते हैं, ने इस कदम की जमकर सराहना की.उन्होंने अपनी एक पोस्ट में इस मेनू कार्ड की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “ये फोटो ज़ूम कर के #Emirates Airline का मेनू कार्ड देखें, देवनागरी में छपा हुआ है.पिछले हफ़्ते दुबई से मुंबई आते हुए ये सुखद आश्चर्य हुआ.हम गौरवान्वित हैं कि हमारी माँ हिंदी का मस्तक आकाश चूम रहा है। जय हिन्द, जय हिंदी!!”

मनोज मुंतशिर का यह संदेश न केवल हिंदी भाषा के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी बताता है कि किस प्रकार भारतीय संस्कृति और भाषा आज वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रही है.अमीरात एयरलाइन द्वारा किया गया यह कदम एक सकारात्मक संदेश भेजता है कि हिंदी और भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मान्यता मिल रही है.

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यह पहली बार नहीं है जब अमीरात एयरलाइन ने भारतीयों की जरूरतों और रुचियों का ख्याल रखा हो.इस एयरलाइन ने भारतीय यात्रियों के लिए कई अन्य सुविधाएँ भी प्रदान की हैं, जिनमें वेज और शाकाहारी खाने के विशेष मेन्यू कार्ड शामिल हैं.अमीरात एयरलाइन में भारतीय भोजन के विकल्पों का खास ध्यान रखा गया है, ताकि भारतीय यात्रियों को उनके घर जैसा खाना मिल सके.

अमीरात के वेज मेन्यू में शाकाहारी भारतीय भोजन (AVML) उपलब्ध है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के स्वादों से भरपूर और मसालेदार होता है.इसमें सब्जियाँ, ताजे फल, सूखे मेवे, दालें, टोफू, अनाज, और शाकाहारी जिलेटिन जैसी चीजें शामिल होती हैं.इस भोजन में मांस या मांस के उत्पाद, मछली, अंडे या किसी भी प्रकार का पशु उत्पाद नहीं होता है.

इसके अलावा, मांसाहारी हिंदू भोजन (HNML) भी उपलब्ध है, जो हिंदू धर्म के नियमों का पालन करने वाले यात्रियों के लिए तैयार किया जाता है.इस मेन्यू में मांसाहारी भोजन जैसे चिकन, मछली, भेड़ का बच्चा, अंडे, डेयरी उत्पाद, और अनाज शामिल होते हैं, लेकिन इसमें गोमांस या स्मोक्ड मछली जैसी चीजें नहीं होतीं.

जैन समुदाय के लिए विशेष शाकाहारी भोजन (VJML) भी उपलब्ध है, जिसमें केवल शुद्ध शाकाहारी सामग्री का उपयोग किया जाता है.इसमें प्याज, लहसुन, आलू, गाजर जैसी जड़ वाली सब्जियाँ, मांस, अंडे, डेयरी उत्पाद और समुद्री भोजन नहीं होते हैं.

यह केवल खाने की विविधता का मामला नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि अमीरात एयरलाइन भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के प्रति अपनी समझ और सम्मान दिखा रही है.यह कदम भारत और भारतीयों के लिए गर्व का विषय है और यह दिखाता है कि दुनिया भर में भारतीयों का प्रभाव बढ़ रहा है.

इसके अलावा, अमीरात एयरलाइन ने अपने यात्रियों को जो शानदार हवाई यात्रा अनुभव प्रदान किया है, वह भी उल्लेखनीय है.इकॉनमी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को स्वादिष्ट मल्टीकोर्स भोजन मिलता है, जो उनके गंतव्य के स्वादों को दर्शाता है.इसके अलावा, यात्रियों को पूरे सफर के दौरान निःशुल्क पेय पदार्थ भी उपलब्ध होते हैं.

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अमीरात एयरलाइन का यह ध्यान अपने यात्रियों की सांस्कृतिक और खाद्य प्राथमिकताओं पर है, जो हर यात्रा को और भी खास बनाता है.अमीरात एयरलाइन का यह कदम भारतीय संस्कृति को एक नया वैश्विक मंच प्रदान करता है और यह दिखाता है कि कैसे भारतीयों की धाक अब अरब देशों में भी महसूस की जा रही है.

यह सिर्फ एक कंपनी की पहल नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति और उसकी सांस्कृतिक धरोहर के सम्मान की मिसाल है.इस तरह के छोटे-छोटे कदम भारतीयों को गर्व महसूस कराते हैं और भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को प्रमाणित करते हैं.

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मनोज मुंतशिर की तरह, हर भारतीय का दिल इस पहल पर गर्व से भर गया है और वह उम्मीद करते हैं कि इसी तरह की पहलों से भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों को और अधिक सम्मान मिलेगा.भारतीय भाषाओं की महानता अब दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महसूस की जा रही है, और यह निश्चित रूप से हमारे देश के लिए एक महान उपलब्धि है.