राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
सऊदी अरब के सर्वमान्य मजहबी लीडर और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा एक सप्ताह के भारत दौरे पर हैं और वे एनएसए अजीत डोभाल के निमंत्रण पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे.
डॉ. अल-इस्सा को शाल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए एनएसए अजीत डोभाल और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चेयरमैन सिराज कुरैशी
डॉ. अल-इस्सा ने मंगलवार को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित खुसरो फाउंडेशन द्वारा शांति सम्मेलन को संबोधित किया. डा. अल-इस्सा ने इस अवसर पर कहा कि भारत दुनिया को शांति का संदेश भेज सकता है.
डॉ. अल-इस्सा को सम्मानित करते हुए इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चेयरमैन सिराज कुरैशी
सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री डॉ. अल-इस्सा ने कहा कि भारतीय समाज के मुस्लिम वर्ग को अपने संविधान पर गर्व है और उन्हें उस भाईचारे पर गर्व है, जो वे भारतीय समाज के बाकी समूहों के साथ साझा करते हैं.
एनएसए अजीत डोभाल को सम्मानित करते हुए डॉ. अल-इस्सा और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चेयरमैन सिराज कुरैशी
डॉ. अल-इस्सा ने ‘भारतीय ज्ञान’ की सराहना करते हुए कहा, ‘‘हम अपने साझा उद्देश्यों के लिए विभिन्न घटकों और विविधता के साथ पहुंचते हैं. हमने भारतीय ज्ञान के बारे में बहुत कुछ सुना है और हम जानते हैं कि इसने मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है.’’
मंच पर डॉ. अल-इस्सा और अजीत डोभाल
डॉ. अल-इस्सा ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि यहां सह-अस्तित्व बहुत महत्वपूर्ण है... हम दुनिया भर में स्थिरता और सद्भाव को बढ़ावा देने पर भी काम करते हैं. हम जानते हैं कि भारत अपनी सभी विविधता के साथ, केवल शब्दों में ही नहीं, बल्कि जमीन पर भी सह-अस्तित्व का एक महान मॉडल है.
एनएसए अजीत डोभाल और डॉ. अल-इस्सा को सम्मानित करते हुए इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चेयरमैन सिराज कुरैशी
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि उन्हें भारत और सऊदी अरब के बीच साझा सांस्कृतिक मूल्यों, आर्थिक संबंधों पर आधारित उत्कृष्ट संबंधों पर गर्व है. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, सबसे बड़ा लोकतंत्र है. भारत संस्कृति और जातीयताओं का संगम है.
एनएसए अजीत डोभाल शांति सम्मेलन को संबोधित करते हुए
एनएसए अजीत डोभाल शांति सम्मेलन को संबोधित करते हुए