दयाराम वशिष्ठ/ फरीदाबाद (हरियाणा)
हर इंसान के भीतर कुछ कर दिखाने की चाह होती है, और अगर इंसान के पास हौसला और जुनून हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है. एक ऐसा ही उदाहरण हैं देहरादून के युवा हस्तशिल्पकार अनस अली, जिन्होंने अपनी कला और व्यवसाय के बल पर अपनी पहचान बनाई है. अनस अली का सपना है कि वह अपना खुद का घर और रेंज ओवर गाड़ी खरीदें, और इसके लिए वह कड़ी मेहनत और एक नई सोच के साथ कारोबार में जुटे हुए हैं.
अनस अली ने ग्राफिक यूनिवर्सिटी देहरादून से अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अपना घर छोड़कर नोएडा में किराए के कमरे में रहना शुरू कर दिया, ताकि वह नौकरी के साथ-साथ अपने व्यवसाय को भी बढ़ा सकें. उन्हें दुबई की एक कंपनी में नौकरी मिल गई, जहाँ उन्होंने कार्टून और स्पाइडरमैन की ड्रेस जैसी चीजों को बनाना सीखा.
लेकिन दुबई में रहते हुए ही उन्हें अपने कारोबार के लिए कई आइडिया आने लगे. उनका मानना था कि एक हस्तशिल्पकार की कला वह होती है, जिसे देख ग्राहक खरीदने से पहले मुस्कराने लगे.
अनस अली ने अपनी कला का प्रदर्शन सूरजकुंड मेला में किया, जहाँ उन्होंने क्रोकेट फूलों से बने कई उत्पादों का एक नया कांसेप्ट प्रस्तुत किया. इन उत्पादों को बनाने में वह वुल का इस्तेमाल करते हैं, जो कभी सूखता नहीं है और जिसे देखने के बाद ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.
उनका कहना है कि वुल से बने ये उत्पाद टर्की, रूस, तजाकिस्तान, कनाडा, यूके और अमेरिका जैसे देशों में काफी लोकप्रिय हैं. अनस अली ने सूरजकुंड मेला में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई, जहाँ लोगों ने इन उत्पादों को खूब पसंद किया.
अनस अली ने यू ट्यूब से कॉरपेट बनाने का काम सीखा, जो घरेलू उपयोग के लिए होते हैं. इन कॉरपेट्स को उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेचना शुरू किया और विदेशों में इनकी बिक्री कर अच्छी कमाई की. उनके कॉरपेट्स की कनाडा में अच्छी खासी बिक्री हुई है, और वे इसे एक सफल व्यापार मानते हैं.
उनका मानना है कि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेचने से उन्हें बेहतर मुनाफा मिलता है, क्योंकि विदेशों में उनकी कला को काफी पसंद किया जाता है.
अपने व्यवसाय के साथ-साथ अनस अली ने महिलाओं और बच्चों को भी रोजगार देने की पहल की है. खासकर देहरादून और पहाड़ी इलाकों में रहने वाली महिलाएं स्वेटर और अन्य वुल के उत्पाद बनाने का काम करती हैं.
इसके अलावा, वे उन महिलाओं को भी काम देते हैं, जो दसवीं कक्षा के बाद इस कला में अपनी रुचि दिखाती हैं. अनस अली के इस कदम से इन महिलाओं को अच्छे पैसे कमाने का मौका मिल रहा है, और वे अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर रही हैं.
अनस अली ने अपने कारोबार की शुरुआत तीन लाख रुपये से की थी. उनका कहना है कि शुरुआत में कठिनाइयाँ जरूर आईं, लेकिन हौसला और मेहनत से सब कुछ संभव हो गया. उनका सपना है कि वह जल्द ही अच्छा पैसा कमाकर अपना खुद का घर और रेंज ओवर गाड़ी खरीदें. इसके अलावा, वह अपने छोटे भाई-बहनों को भी अच्छी शिक्षा और संस्कार देना चाहते हैं ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें.
अनस अली के पास कई हुनर हैं. वह न केवल हस्तशिल्प के व्यवसाय में काम कर रहे हैं, बल्कि नाइट क्लब और गायन पार्टी के आयोजन में भी उनकी रुचि है. उन्होंने विदेशों में रहकर इस काम को बारीकी से सीखा है, और अब वह इस व्यवसाय को भी बढ़ाने का प्लान बना रहे हैं.
वह मानते हैं कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए हर दिन कुछ नया सीखने की जरूरत होती है, और इसके लिए वह लगातार यू ट्यूब पर नई वीडियो देखते रहते हैं, जो उनके कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं.
अनस अली ने अपने दृढ़ संकल्प, मेहनत और नई सोच से यह साबित कर दिया कि अगर मन में जज्बा हो तो कोई भी काम कठिन नहीं होता. उन्होंने दिखाया कि यदि किसी को अपने हुनर और कला में विश्वास हो, तो वह सफलता प्राप्त कर सकता है.
उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और समर्पण से काम करना चाहते हैं. अनस अली का सफर अब तक तो प्रेरणादायक रहा ही है, लेकिन आने वाले समय में वे और भी बड़ी सफलता प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं.