आवाज द वाॅयस /अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जेएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के तीसरे वर्ष के स्नातकोत्तर रेज़िडेंट डॉ. फैज़ खान यूसुफ़ी ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए इंग्लैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स द्वारा आयोजित मेंबरशिप ऑफ द रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स (एमआरसीएस) परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण कर ली है.
यह परीक्षा विश्व स्तर पर सर्जिकल शिक्षा में एक मील का पत्थर मानी जाती है और इसका सफलतापूर्वक संपन्न होना किसी भी युवा सर्जन के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.
डॉ. फैज़ ने न केवल इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास किया, बल्कि वे जेएन मेडिकल कॉलेज में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की पढ़ाई करते हुए एमआरसीएस क्वालिफिकेशन प्राप्त करने वाले पहले रेज़िडेंट भी बन गए हैं.
इसके साथ ही, उन्होंने सबसे कम उम्र में इस परीक्षा को पास कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उनकी यह सफलता एएमयू के मेडिकल संकाय के लिए गर्व का विषय बन गई है और आने वाले मेडिकल छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी.
एमआरसीएस परीक्षा का महत्व
एमआरसीएस (Membership of the Royal College of Surgeons) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त परीक्षा है, जो सर्जनों की बुनियादी सर्जिकल ज्ञान, तकनीकी कौशल और नैदानिक निर्णय लेने की क्षमताओं का मूल्यांकन करती है. इसे पास करना इंग्लैंड, आयरलैंड और कई अन्य देशों में सर्जिकल करियर की दिशा में एक अनिवार्य कदम माना जाता है.
शिक्षकों और साथियों ने दी बधाई
डॉ. फैज़ की इस उपलब्धि पर जेएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर अतिया ज़क़ौर रब ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा,
"डॉ. फैज़ ने पोस्टग्रेजुएशन के दौरान ही पहले प्रयास में एमआरसीएस परीक्षा पास की है, जो अपने आप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है. वे हमारे विभाग के पहले ऐसे रेज़िडेंट हैं जिन्होंने यह सफलता हासिल की है. हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं."
वहीं, मेडिसिन संकाय के डीन प्रोफेसर हबीब रज़ा ने भी डॉ. फैज़ की सराहना करते हुए कहा,
"यह केवल डॉ. फैज़ की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि एएमयू और विशेष रूप से जेएन मेडिकल कॉलेज के लिए भी गर्व का क्षण है. यह सफलता हमारे मेडिकल छात्रों के लिए एक नई प्रेरणा और मानदंड स्थापित करती है."
डॉ. फैज़ खान यूसुफ़ी की प्रतिक्रिया
अपनी इस सफलता पर डॉ. फैज़ ने कहा कि यह उनके शिक्षकों के मार्गदर्शन, परिवार के सहयोग और निरंतर मेहनत का परिणाम है. उन्होंने कहा,
"एमआरसीएस परीक्षा की तैयारी कठिन होती है, लेकिन अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और लगन के साथ प्रयास किया जाए तो सफलता निश्चित होती है.
मैं अपने सभी शिक्षकों और साथियों का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने इस सफर में मेरा साथ दिया."
उपसंहार
डॉ. फैज़ की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह एएमयू में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता और मार्गदर्शन की उच्चतम परंपरा को भी दर्शाती है.
उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी विद्यार्थी उनके पदचिह्नों पर चलते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे.