श्रीनगर से तस्वीरें और रिपोर्ट बासित जरगर
कश्मीर की शांति और सौंदर्य के प्रतीक डल झील पर गुरुवार को एक भावनात्मक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन देखने को मिला, जब शिकारा मालिकों ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जल प्रदर्शन किया.
तख्तियों के जरिए विरोध जताते इन नाविकों ने घाटी में अमन और पर्यटन पर हमले के खिलाफ अपना गुस्सा और दुख जाहिर किया.शिकारे झील पर कतार में सजे थे, और उनके मालिकों के हाथों में संदेश थे—
“पर्यटक हमारे मेहमान हैं”
“निर्दोषों की हत्या बंद करो”
यह प्रदर्शन उस पीड़ा का प्रतीक था जो घाटी के लोगों ने एक बार फिर निर्दोष नागरिकों की हत्या के रूप में महसूस की. शिकारा संचालक अल्ताफ हुसैन ने भावुक होकर कहा,“ये पर्यटक हमारी सरज़मीं और हमारी संस्कृति को समझने आए थे। उनका स्वागत करना हमारी जिम्मेदारी थी, उनकी हत्या हम सबके दिल पर हमला है.”
पर्यटन से जुड़े समुदाय के सदस्यों का कहना है कि इस तरह की हिंसक घटनाएं घाटी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं और हजारों परिवारों की आजीविका पर खतरा बन जाती हैं.
एक नाविक ने कहा,“हमारा रोज़गार शांति पर टिका है। हम ही हैं जो कश्मीर को बाहर की दुनिया के सामने पेश करते हैं. जब ऐसा कुछ होता है, तो सिर्फ सैलानी नहीं, हमारे घर और हमारे बच्चे भी प्रभावित होते हैं.”
प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन डल झील के पानी पर तैरते इन विरोधी संदेशों ने एक गहरी छाप छोड़ी— पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के मन में.
यह विरोध न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि एक संदेश भी— कि कश्मीर के लोग अमन चाहते हैं, और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर पर्यटन और इंसानियत की हिफाजत करना चाहते हैं.