जामिया के डा. फारूक और प्रो राजन को भारत सरकार से शोध कार्य के लिए मिला पेटेंट

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-10-2024
Dr. Farooq and Prof. Rajan of Jamia got patent from the Government of India for their research work
Dr. Farooq and Prof. Rajan of Jamia got patent from the Government of India for their research work

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बायोसाइंस विभाग के प्रोफेसर राजन पटेल और डॉ. फारूक अहमद वानी के नेतृत्व में किए गए एक महत्त्वपूर्ण शोध कार्य को पेटेंट प्रदान किया है. इस शोध में शोधार्थी डॉ. मोहम्मद आबिद, डॉ. बबीता अनेजा, और डॉ. अमदुद्दीन ने सहयोग किया है. 

टीम ने बेंज़िमिडाज़ोलियम जेमिनी सर्फेक्टेंट को संश्लेषित करने के लिए एक नई प्रक्रिया विकसित की है, जो एक प्रभावी एंटीफंगल एजेंट के रूप में काम करती है. यह नई प्रक्रिया फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है.

यह पेटेंट विशेष रूप से बेंज़िमिडाज़ोलियम जेमिनी सर्फेक्टेंट के संश्लेषण पर केंद्रित है, जिसमें ऐसे यौगिक शामिल हैं जो विभिन्न प्रकार के फंगल रोगजनकों के खिलाफ प्रभावी साबित हुए हैं. इस सर्फेक्टेंट की अनूठी आणविक संरचना कोशिका झिल्ली के साथ बेहतर संपर्क स्थापित करती है, जिससे फंगल संक्रमणों से लड़ने में महत्वपूर्ण सहायता मिलती है.

प्रोफेसर पटेल ने पेटेंट प्राप्त करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, "यह पेटेंट एंटीफंगल एजेंटों पर हो रहे अनुसंधान में एक बड़ा कदम है. प्रतिरोधी फंगल संक्रमणों के इलाज की आवश्यकता आज के समय में अत्यधिक जरूरी हो गई है. हमारा सर्फेक्टेंट इस चुनौती का एक नया समाधान प्रदान कर सकता है."

पेटेंट में उल्लिखित प्रक्रिया सर्फेक्टेंट की उपज और शुद्धता में सुधार का विवरण देती है. प्रारंभिक अध्ययन यह दिखाते हैं कि यह सर्फेक्टेंट आमतौर पर पाए जाने वाले फंगल रोगजनकों के विरुद्ध प्रभावी एंटीफंगल गतिविधि प्रदर्शित करता है, जो इसे स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में उपयोग के लिए संभावित बनाता है. इस सर्फेक्टेंट को बायोडिग्रेडेबल भी बनाया गया है, जो इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुरक्षित बनाता है.

इस शोध में विभिन्न विशेषज्ञों के बीच सहयोग ने यह दर्शाया है कि अंतःविषयक अनुसंधान नई तकनीकों और वैज्ञानिक समझ को आगे बढ़ाने में कितना महत्वपूर्ण है. यह पेटेंट टीम के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है और उनके शोध को एंटीफंगल नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाता है.

प्रोफेसर पटेल और उनकी टीम अब अपने निष्कर्षों के नैदानिक अनुप्रयोगों की जांच करने और व्यावसायीकरण के लिए साझेदारियों की तलाश में हैं, जिससे इस नवाचार का लाभ व्यापक स्तर पर उठाया जा सके.