आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
अली फज़ल भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के उन चंद कलाकारों में से हैं, जिन्होंने बॉलीवुड के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी अदाकारी का परचम लहराया है. छोटे-छोटे रोल से शुरू हुआ उनका करियर अब एक ऐसी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जहां उनकी अदाकारी का हर रंग चमक रहा है.
चाहे हास्य हो, संवेदना हो या फिर गुस्सा, अली फजल की अदाकारी में हर भाव की गहराई देखने को मिलती है. 15 अक्टूबर 1986 को लखनऊ में जन्मे अली फज़ल की अदाकारी में एक अलग तरह की नफ़ासत और गंभीरता देखने को मिलती है, जो उन्हें बाकियों से अलग करती है.
अली फज़ल का शुरुआती सफर
अली फज़ल का शुरुआती जीवन लखनऊ और देहरादून जैसे शहरों में बीता. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया. अली का झुकाव शुरू से ही अभिनय की ओर था, और इसी जुनून ने उन्हें बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित किया.
उनके अभिनय करियर की शुरुआत 2008 में आई अंग्रेजी फिल्म "द अदर एंड ऑफ द लाइन" से हुई थी. इस फिल्म में उनका किरदार छोटा था, लेकिन यह उनके करियर का पहला कदम था. इसके बाद 2009 में "थ्री इडियट्स" जैसी बड़ी हिट फिल्म में भी उन्हें एक छोटा रोल मिला. हालांकि, यह किरदार छोटा था, लेकिन इसे नोटिस किया गया और अली को इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने का मौका मिला.
"फुकरे" से मिली पहचान
अली फज़ल के करियर का महत्वपूर्ण मोड़ 2013 में आई फिल्म "फुकरे" से आया. इस फिल्म में उन्होंने एक कॉमिक किरदार निभाया, जो दर्शकों के दिलों में बस गया. उनकी कॉमिक टाइमिंग और सहज अभिनय ने उन्हें बॉलीवुड में एक खास पहचान दिलाई.
इसके बाद उन्होंने "बॉबी जासूस", "खामोशियां" और "हैप्पी भाग जाएगी" जैसी फिल्मों में भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया. लेकिन यह उनका सफर का अंत नहीं था, क्योंकि अली ने खुद को किसी एक शैली में बंधने नहीं दिया.
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अली फज़ल
2017 में, अली फज़ल ने ब्रिटिश फिल्म "विक्टोरिया एंड अब्दुल" में महारानी विक्टोरिया के नौकर अब्दुल करीम का किरदार निभाया. इस फिल्म में उनकी भूमिका को व्यापक प्रशंसा मिली, खासकर जूडी डेंच जैसी प्रसिद्ध अभिनेत्री के साथ स्क्रीन शेयर करने के लिए.
अली फज़ल ने इस फिल्म में अपनी नफ़ासत और शालीनता से भरा हुआ अभिनय किया, जिसने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी सराहा गया। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ, जहां उन्होंने दिखाया कि वह किसी भी चुनौतीपूर्ण भूमिका को निभाने में सक्षम हैं.
"मिर्जापुर" के गुड्डू पंडित से मिली असली पहचान
अली फज़ल की अदाकारी की असली पहचान 2018 में आई वेब सीरीज़ "मिर्जापुर" के गुड्डू पंडित के किरदार से मिली. इस किरदार ने अली फज़ल को एक मजबूत और बहुमुखी अभिनेता के रूप में स्थापित किया. गुड्डू पंडित एक जटिल और विरोधाभासी व्यक्तित्व है - एक तरफ वह एक साधारण परिवार का बेटा है, जबकि दूसरी तरफ वह अपराध की दुनिया में गहराई तक डूबा हुआ है.
अली फज़ल ने इस किरदार को इतने सशक्त तरीके से निभाया कि दर्शक उनके किरदार से पूरी तरह जुड़ गए. गुस्से, बदले और पीड़ा के बीच झूलते हुए गुड्डू पंडित के किरदार ने अली फज़ल की अभिनय क्षमताओं को और भी निखारा.
निजी जीवन में कठिनाइयां
अली फज़ल का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही प्रेरणादायक रहा है जितनी उनकी प्रोफेशनल यात्रा. उनके माता-पिता का अलगाव तब हुआ जब वह 12वीं कक्षा में थे, जिसने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया. दिलचस्प बात यह है कि उनकी मां भी एक कलाकार थीं, और उनके निधन के बाद अली ने अपनी मां के जीवन और करियर को और अधिक समझा. अली ने एक बार कहा था कि उनकी मां के निधन के बाद वह उन्हें और गहराई से जान पा रहे हैं.
अली फज़ल और ऋचा चड्ढा
अली फज़ल की निजी जिंदगी में बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का भी अहम स्थान है. दोनों ने एक-दूसरे को काफी समय तक डेट करने के बाद शादी की. हाल ही में, इस कपल ने एक बेबी गर्ल का स्वागत किया, जिससे उनकी जिंदगी में और भी खुशियां आईं.
भविष्य की उम्मीदें
अली फज़ल की अदाकारी की गहराई और विविधता ने उन्हें आज के दौर के सबसे प्रतिभाशाली कलाकारों में शामिल कर दिया है. उनकी फिल्मोग्राफी इस बात की गवाह है कि वह किसी भी शैली या किरदार में पूरी तरह ढलने की क्षमता रखते हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह आगे कौन से नए किरदारों से दर्शकों का दिल जीतते हैं.